सर्टिफिकेट विभाग के अधीक्षक पवन रोहिला ने बताया कि विभाग में जमा होने वाले फार्म की एंट्री अब कंप्यूटर में दर्ज होगी। आवेदन फार्म संबंधित सेट पर चले जाएंगे। इससे ऑनलाइन पता चल जाएगा कि कितने फार्म रोजाना प्राप्त हुए और कितने डुप्लीकेट सर्टिफिकेट जारी किए गए। सर्टिफिकेट विभाग को पूरी तरह डिजिटल बनाया जा रहा है। अब एक सप्ताह में विद्यार्थियों को डुप्लीकेट सर्टिफिकेट बनाकर दिए जा रहे हैं। अगला प्रपोजल 2005 से 2012 तक के रिकॉर्ड को स्कैन करके सर्वर पर डलवाना है।
रोजाना आते हैं 100 से अधिक आवेदन
केयूके सर्टिफिकेट विभाग में रोजाना औसतन 100 से अधिक आवेदन डुप्लीकेट डीएमसी और डिग्री बनवाने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं सरकारी विभाग में इंटरव्यू के समय तो वेरिफिकेशन के लिए आने वाले आवेदनों की संख्या रोजाना 500 के पार हो जाती है।
पुरानारिकार्ड अब मिलेगा आसानी से
केयूपरीक्षा शाखा के नियंत्रक डॉ. ओपी आहुजा ने कहा कि सर्टिफिकेट विभाग में देरी से सर्टिफिकेट बनने का कारण रिकॉर्ड का मिलना होता है। अब पुराने रिकार्ड को स्कैन करने से एक क्लिक पर पूरा रिकार्ड सामने जाएगा।
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