आरोही मॉडल स्कूलों में अब डीटीएच सेवा शुरू होगी। अब छात्र इस सेवा के जरिये पढ़ाई कर सकेंगे। शिक्षा निदेशालय ने सेटेलाइट एजुकेशन के विस्तार के तहत यह कदम उठाया है। निदेशालय का मकसद निजी स्कूलों के मुकाबले बच्चों को एक समान हाईटेक शिक्षा उपलब्ध कराना है। निजी स्कूलों को टक्कर देने के लिए केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर प्रदेश के 36 पिछड़े ब्लॉकों में आरोही मॉडल स्कूल खोले गए हैं। अंग्रेजी माध्यम के इन मॉडल स्कूलों का भवन निर्माणाधीन है। फिलहाल नजदीक के सरकारी स्कूलों में द्वितीय पाली में इन स्कूलों की कक्षाएं संचालित की जा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जूझ रहे आरोही मॉडल स्कूलों को अब डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जाएगा। डीटीएच सेवा बहाल होने से 9-12 वीं कक्षा तक के छात्र मुख्यालय से चैनल के माध्यम से प्रसारित होने वाले पाठ का लाभ उठा सकेंगे। एक्सपर्ट शिक्षकों की सेवा के लिए अब उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा।उत्कर्ष सोसाइटी लगाएगी डीटीएच सरकारी स्कूलों में लगे डीटीएच व सेटेलाइट इंटर एक्टिव टर्मिनलों (एसआइटी) के रखरखाव को लेकर जून के अंत में प्रदेश के सभी जूनियर इंजीनियरों की बैठक पंचकूला में बुलाई गई थी। एजुसेट सेवा की समीक्षा के बाद उत्कर्ष सोसाइटी ने आरोही मॉडल स्कूलों में सेटेलाइट शिक्षा जल्द शुरू करने की बात कही।
संवाद नहीं कर सकेंगे:
डायरेक्ट टू होम सेवा के तहत आरोही मॉडल स्कूल के छात्र स्क्रीन पर लेक्चर देख व सुन सकेंगे लेकिन पाठ की कठिनाइयों को संवाद के माध्यम से दूर नहीं कर सकेंगे। वैसे सेटेलाइट इंटर एक्टिव टर्मिनल प्रणाली में दूसरे पक्ष से बातचीत कर सकते हैं। अब लाख टके का सवाल है कि सरकारी स्कूलों में दम तोड़ रही एजुसेट शिक्षा प्रणाली आरोही में कितनी कामयाब होगी। ..db
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