गुडग़ांव : गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाए जाने को लेकर इस बार शिक्षक पहले ही सतर्क हैं। सरकार के रुख को देखते हुए उन्होंने पहले ही बहिष्कार करने की तैयारी कर ली है। समय आने पर वे आंदोलन का रास्ता भी अख्तियार कर सकते हैं।
प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना लागू होने के बाद लाभार्थियों के सर्वे को लेकर सरकार तैयारी में लगी है। जिसमें शिक्षकों की ड्यूटी लगा उनसे डोर-टू-डोर सर्वे कराने की योजना है। हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। लेकिन बीएलओ ड्यूटी के लिए शिक्षकों को नियुक्त करने जैसे कदम उठाते हुए सरकार एक तीर से दो निशाने लगाना चाहती है। स्कूलों में जुलाई से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र के बावजूद अबतक किताबें नहीं पहुंचने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। सेमेस्टर परीक्षा सिर पर आने से शिक्षकों पर भी मानसिक बोझ बढ़ गया है। इसे देखते हुए शिक्षक सरकार के इस फैसले का बहिष्कार करने की तैयारी में लगे हैं।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य सचिव सत्यनारायण यादव ने बताया कि स्कूलों में मौजूदा स्थिति को देखते हुए शिक्षकों पर सेमेस्टर से पहले कोर्स पूरा कराने की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में कक्षाओं से हटाकर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए ड्यूटी लगाने से आरटीई के नियमों का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को शिक्षामंत्री के साथ बातचीत में उन्होंने शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी नहीं लगाने का पूरा आश्वासन दिया है।
ऐसे में अगर सरकार शिक्षकों के लिए ऐसा कदम उठाती है तो वे इसका बहिष्कार करेंगे। इसे लेकर जल्द ही अध्यापकों की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी। ...db
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