अम्बाला सिटी: अक्सर ग्रांट की राशि देरी से भेजने वाला मौलिक शिक्षा निदेशालय कुछ दिनों से प्राइमरी स्कूलों पर काफी मेहरबान है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत विभाग ने पहले वर्दियों का पैसा छप्पर फाड़ कर खाते में डाल दिया। खाली खातों में पैसा देखकर स्कूल इंचार्ज भी फूले नहीं समाए। लेकिन उनकी खुशियां उस समय काफूर हो गईं जब जिला परियोजना समन्वय विभाग ने उनसे चेक मांग लिए। विभाग अब उन्हें जल्द से जल्द पैसा वापस करने के आदेश दे रहा है।
शिक्षा निदेशालय प्राइमरी स्कूल में प्रत्येक छात्र को 400 रुपए की राशि भेज रहा है। यह राशि मुख्यालय से सीधा स्कूल इंचार्ज और एसएमसी प्रधान के संयुक्त खाते में आती है लेकिन अबकी बार स्कूलों में बच्चों की वास्तविक संख्या से चार गुणा ज्यादा बच्चों का पैसा खाते में डाल दिया गया। लहारसा के प्राइमरी स्कूल में 38 बच्चों की राशि 15,200 रुपए बनती है। मुख्यालय ने गलती से 190 छात्रों की राशि 75,000 रुपए भेज दिए। जीपीएस कालूमाजरा में कुल 29 बच्चे हैं। 11,600 रुपए के बजाए खाते में 122 बच्चों की ड्रेस की राशि 48,000 रुपए डाल दिए। ब्लॉक क्लस्टर रिसोर्स रतनहेड़ी में मीटिंग में बीआरसी ने अन्य स्कूलों के मुखियाओं से चेक की मांग की है जबकि कई स्कूल मुखियाओं ने अभी तक अपने खाते चेक नहीं किए। ऐसे में और भी मामले सामने आ सकते हैं। ...db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.