अंबाला : प्रदेश सरकार शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए तमाम कवायद कर रही है,
लेकिन स्कूलों में मिलने वाली पुस्तकों की खेप नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में
विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवीं से आठवीं कक्षा तक के
विद्यार्थियों को पुस्तक नहीं मिल पाई है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा
शिक्षा में सुधार के दावे की कलई खुल गई है। जहां स्कूलों में विद्यार्थी
बिना पुस्तक पढ़ाई करने को मजबूर है, वहीं गुरुजी भी विद्यार्थियों को
पुस्तक न मिलने से चिंतित हैं। बिना पुस्तक के विद्यार्थियों को परीक्षा की
पूरी तैयारी न होने को लेकर मलाल है। उनका कहना है कि एक ओर जहां शिक्षा
में गुणवत्ता पर जोर दिया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर स्कूलों में
विद्यार्थियों के लिए पुस्तक नहीं आई है। कई माह बीत जाने के बावजूद
विद्यार्थी किताब के लिए टकटकी लगाए हुए हैं।
हालात यह है कि विद्यार्थी किसी तरह से काम चला रहे हैं। उनको चिंता इस
बात की है कि वे परीक्षा में बेहतर परिणाम कैसे देंगे पाएंगे। गुरुजी का
कहना है कि भले ही स्कूलों में जल्द पुस्तक पहुंचने का आश्वासन मिल रहा है,
लेकिन पुस्तक न पहुंचने से विद्यार्थी के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा
रहा है। महीनों बीत जाने पर भी जिले के सरकारी स्कूलों में पुस्तकों की खेप
न पहुंचने से गुरुजी को सिलेबस पूरी कराने की चिंता है तो विद्यार्थी
परीक्षा की तैयारी को लेकर दुविधा में हैं। जानकारी के अनुसार सितंबर माह
से प्रथम सेमेस्टर की भी परीक्षा शुरू होने वाली है। ऐसे में बिना पुस्तक
परीक्षा की तैयारी पर असर पड़ रहा है। अध्यापकों का कहना है कि एक ओर बेहतर
शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है, जबकि सरकारी स्कूलों में किताब नहीं पहुंच
रहा। ऐसे में विभाग के दोहरे चरित्र का पता चल रहा है। यदि वाकई शिक्षा
विभाग इतना गंभीर होता है तो बहुत पहले ही स्कूलों में किताबें पहुंच गई
होती। विद्यार्थियों के अभिभावक भी पुस्तक न मिलने से चिंतित है। उधर, जिला
शिक्षा अधिकारी परमजीत शर्मा का कहना है कि किताब आते ही सभी स्कूलों में
भिजवा दिया जाएगा। ...dj AT 08:20 PM
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