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Wednesday, 28 August 2013

अतिथि अध्यापकों को बना दिया पार्ट टाइम शिक्षक


** पार्ट टाइम और अनुबंध के बीच उलझा शिक्षकों का वेतन 
** सीनियर मॉडल स्कूल के शिक्षकों को नहीं मिला पांच माह से वेतन
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय स्थित सीनियर मॉडल स्कूल में लगे आठ शिक्षकों का वेतन पार्ट टाइम और अनुबंध के दो शब्दों के बीच उलझ कर रह गया है। कुवि प्रशासन शिक्षकों को पार्ट टाइम के आधार पर मान रहा है और शिक्षक अनुबंध आधार पर ही लगे रहने का दावा कर रहे हैं। इसके चक्कर में शिक्षकों को फरवरी के बाद पांच माह से वेतन नसीब नहीं हुआ है, जबकि इन शिक्षकों को प्रदेश सरकार की अतिथि अध्यापकों की नीति पर नियुक्त किया गया था। प्रदेश सरकार तो आज भी इन शिक्षकों को अतिथि अध्यापक कहती आ रही है, जबकि कुवि प्रशासन ने उन्हें एक बार हटाकर दोबारा पार्ट टाइम शिक्षक के आधार पर नियुक्ति प्रदान की है। प्रदेशभर के सरकार स्कूलों में कई साल से कार्य कर रहे अतिथि अध्यापक जहां नियमित होने की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च तक का समय निर्धारित किया था। उसके बाद प्रदेश भर के राजकीय विद्यालयों में कार्य करने वाले शिक्षकों को तो कोई फर्क नहीं पड़ा, लेकिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय स्थित सीनियर मॉडल स्कूल के शिक्षकों को कुवि प्रशासन ने पार्ट टाइम शिक्षक करार दे दिया। ऐसे में शिक्षकों का पिछले वर्षो में अनुबंध आधार पर कार्य करने का समय समाप्त घोषित कर दिया गया। अब ये शिक्षक स्कूल में शिक्षण कार्य तो कर रहे हैं, लेकिन पांच महीनों से वेतन नहीं मिल पाया है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें पहले की तरह अनुबंध आधार पर लगाया जाए, जबकि कुवि प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अनुबंध आधार पर कोई नई नियुक्ति नहीं की जा सकती। ऐसे में पार्ट-टाइम और अनुबंध आधार के इन दो शब्दों के बीच इन शिक्षकों का वेतन लटक गया है। स्कूल की प्राचार्या प्रोमिला बत्र का कहना है कि उन शिक्षकों ने पार्ट टाइम शब्द के आने के बाद अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट ही नहीं दी है। इसमें इन शिक्षकों की ओर से एक शपथ पत्र देना होगा। उसी आधार पर शिक्षकों को वेतन जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक बार न्यायालय के आदेशों के बाद शिक्षकों का समय समाप्त हो गया था। उसके बाद अभी तक कोई पत्र सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया। ऐसे में किस आधार पर इन शिक्षकों को अतिथि अध्यापक माना जाए। उन्होंने बताया कि इस बारे में कुवि प्रशासन ने कई बार सरकार को पत्र लिखकर इस बारे में पूछा है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया है।  ...dj

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