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Monday, 19 August 2013

2010 में भर्ती जेबीटी टीचर्स : बर्खास्त हो सकते हैं सौ शिक्षक

**नौकरी से वंचित रह गए युवाओं ने उठाया था मामला 
**अदालत के निर्देश पर हुई थी फिंगर प्रिंट की जांच 
**2010 में भर्ती हुए जेबीटी टीचर्स ने दूसरों से दिलाई थी एचटेट परीक्षा, फिंगर प्रिंट मिसमैच 
चंडीगढ़  : शिक्षा विभाग ने फिंगर प्रिंट का मिलान न होने वाले 100 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर को सेवा से बर्खास्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। इन्हें पहले औपचारिक नोटिस दिया जाएगा। फिर सेवा खत्म की जाएगी। इसके बाद नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। इस मामले में हालांकि शिक्षा विभाग की भूमिका शुरू से ही ढीली रही है। भास्कर ने यह मामला उठाया। इसके बाद शिक्षा विभाग अब अतिरिक्त मुस्तैदी बरत रहा है। नौकरी से वंचित रह गए उम्मीदवारों का आरोप है कि शिक्षक भर्ती का यह घोटाला इनेलो के समय में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले से भी बड़ा है। जिसमें सारे कायदे ही ताक पर रखे गए हैं। 
सितंबर 2009 में जेबीटी की भर्ती के 9600 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस परीक्षा की शर्त थी कि जेबीटी परीक्षा पास करने के साथ ही हरियाणा राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा भी पास होनी चाहिए। अब खेल यह हुआ कि इतनी संख्या में एचटेट पास पात्र नहीं थे। इसी सरकार ने इसी साल दिसंबर में एक बार फिर से एचटेट की परीक्षा आयोजित कर दी। 
उम्मीदवारों को लगा कि पद कम है और उम्मीदवार अधिक। इसलिए इस परीक्षा में हेराफेरी हुई। आरोप है कि उम्मीदवारों ने अपनी जगह दूसरे फर्जी परीक्षार्थी बैठा कर परीक्षा दी। इस परीक्षा के परिणाम के बाद एक बार फिर से जेबीटी की पोस्ट निकाली गई।
सीधी बात : इन्हें जल्दी ही हटा देंगे : सुरीना राजन, प्रिंसिपल सेक्रेटरी शिक्षा विभाग 
जेबीटी टीचर के जो फिंगर प्रिंट नहीं मिले उनका क्या किया जा रहा है? 
उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। फाइल मंगा ली गई है। जल्दी ही उन्हें निकाल दिया जाएगा। 
कितना समय लगेगा? 
कुछ प्रक्रिया है, जिसे पूरा करना होता है। इसके बाद हटा दिया जाएगा। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। 
क्या इनके खिलाफ कोई मामला भी दर्ज होगा? 
हां क्योंकि उन्होंने गड़बड़ी की है। इसलिए मामला भी दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए एफआईआर भी कराई जाएगी? 
विभाग शुरू से इस मामले में ढीली कार्रवाई कर रहा है। इसकी वजह क्या है? 
नहीं अभी तक 100 जेबीटी टीचर के फिंगर प्र्रिंट की रिपोर्ट मिली है। उन्हें हटाया जा रहा है। आगे भी कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। यह मामला पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहा है। 
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी लिस्ट 
सविता और प्रवीण नाम की दो उम्मीदवारों ने भर्ती किए गए 54 उम्मीदवारों की लिस्ट सौंपकर उनके फिंगर प्रिंट के मिलान की मांग की। उनकी मांग पर जब जांच की तो मात्र 8 उम्मीदवार ही सही पाए गए। बाकी के फिंगर प्रिंट नहीं मिले। तब से लेकर अभी तक याचिकाकर्ता अदालत में यह मांग कर रहे हैं कि सभी फिंगर प्रिंट की जांच होनी चाहिए।
होगी प्राथमिकी भी 
परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी किया जा सकता है। अब तक केवल 5600 लोगों की फिंगर प्रिंट का मिलान हो पाया है। बताया जा रहा है कि 3300 के अंगुलियों के निशान बेमेल हैं। हालांकि, कार्रवाई के लिए 100 शिक्षकों को ही छांटा गया है।
अभी जांच नहीं हुई पूरी 
फिंगर प्रिंट की जांच का काम क्राइम रिकार्ड ब्यूरो मधुबन से कराया गया। जब तक ब्यूरो के डायरेक्टर लायक राम डबास रहे, फिंगर प्रिंट का काम जोरों से चला। लेकिन इसी बीच यह मामला खुल गया इसके खुलते ही आनन-फानन में उनका तबादला कर इस पद पर एसएस देसवाल को लगा दिया गया। तब से लेकर अभी तक फिंगर प्र्रिंट की जांच का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है। 
अब तो स्थिति यह है कि अभी तक मात्र 5600 जेबीटी टीचर की जांच हुई। इसमें से 3300 की फिंगर प्र्रिंट नहीं मिल रहे हैं। 
ऐसे हुआ खुलासा 
2010 में भर्ती हुई तो सरकार ने 8600 पद भरे। ऐसे में कई उम्मीदवार नौकरी से वंचित रह गए। तब उन्होंने अपने स्तर पर जांच की। इसमें पाया कि भर्ती में बड़े स्तर पर हेराफेरी हुई। उन्होंने इस भर्ती की प्रक्रिया की जांच की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर कुछ उम्मीदवार पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में चले गए।  ..db 

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