भिवानी : शिक्षा विभाग द्वारा करीब दो माह पूर्व लगाए गए (मिडल हैड) मौलिक मुख्य अध्यापकों को पद तो स्कूल मुखिया का दे दिया गया, लेकिन उन्हे तृतीय श्रेणी में ही रखा गया है। रही सही कसर नियुक्ति से लेकर अब तक नया वेतन न देकर पूरी कर दी गई है।
भूखे पेट न भजन हो गोपाला वाली कहावत इन मिडल हेड पर सटीक बैठ रही है। इस वजह से इनमें रोष व्याप्त होने लगा है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश के करीब 5 हजार मिडल हैड 16 जून को नियुक्त किए थे। इन शिक्षकों को विभाग ने नया नाम मौलिक मुख्य अध्यापक से नवाजा था। भिवानी जिले में इनकी संख्या 463 है। इनको स्कूल मुखिया तो बना दिया गया, लेकिन इनकी कैटेगरी (श्रेणी) तृतीय ही रखी गई है। जाहिर है कि स्कूल मुखिया होते हुए भी ये शिक्षक तृतीय श्रेणी कर्मचारी ही बने रहेंगे। विडबंना यह है कि मौलिक मुख्य अध्यापक भिवानी जिले में नियुक्ति के बाद से अब तक एक बार भी नया वेतन नहीं ले पाए है। इन शिक्षकों का वेतन ई-सेलरी पर तो उपलब्ध है, लेकिन शिक्षा अधिकारियों ने अनुमति नहीं होने का रोड़ा अटकाया हुआ है। जबकि नियुक्ति को लगभग दो माह का समय बीत चुका है।
आंदोलन करेंगे : प्रदेश सचिव
मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश सचिव विकास शर्मा ने कहा कि वे इस मुद्दे पर विभाग के निदेशक से मिल चुके है। उन्होंने डीईईओ को पत्र लिख भी दिया है, लेकिन स्थानीय अधिकारी वेतन जारी नहीं कर रहे है। अन्य जिलों का वेतन जारी हो चुका है, लेकिन भिवानी जिले में ही यह समस्या है। मिडल हैड को तृतीय श्रेणी कर्मचारी की बजाए दूसरी श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर वे आंदोलन चलाएंगे।
वेतन का बजट पास : डीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिंह सिवाच ने माना है कि मिडल हैड को नॉन गजेटेड की श्रेणी में रखा गया है। मिडल हैड के वेतन का बजट पास किया जा चुका है। ..dj at 7:40pm
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