चंडीगढ़. सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबें ही नहीं, स्टेशनरी और वर्दी का पैसा भी अब तक नहीं मिला है। शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही का हाल ये है कि जो फंड साल के शुरू में जारी होना चाहिए था, उसे अब जारी किया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि अब कब वर्दी बनेगी और कब स्टेशनरी खरीदी जाएगी?
सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) इस बार शुरू से पटरी से उतरा हुआ है। स्थिति यह है कि शुक्रवार को विभाग ने वर्दी का पैसा रिलीज किया। शिक्षकों का कहना है कि इसमें अब भी कम से कम एक माह और लगेगा क्योंकि पहले कोटेशन लेनी पड़ेगी। इसके बाद विक्रेता फाइनल होगा। तब ऑर्डर दिया जाएगा। बच्चों को माप लेकर वर्दी बनाने में एक माह का समय कम ही माना जा रहा है।
हर छात्र को मिलने हैं 220 रुपए :
स्टेशनरी का पैसा आया ही नहीं या फिर विभाग में ही रोक रखा है, इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अब पहली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को वर्दी के लिए तो 400 रुपए प्रति छात्र जारी कर दिए गए लेकिन स्टेशनरी के लिए हर बच्चे को मिलने वाले 100 रुपए और बैग के 120 रुपए पर सब चुप हैं। ...db
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