जींद : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा दसवीं व बारहवीं कक्षा के बच्चों के फार्म ऑन लाइन भरवाने की प्रक्रिया स्कूल मुखियाओं के गले की फांस बनकर रह गई है। पहले ऑन लाइन प्रक्रिया का जवाब देना और अब स्कूलों में इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण स्कूल मुखियाओं को साइबर कैफे के धक्के खाने पड़ रहे हैं। यही नहीं, ऑन लाइन डाटा स्टोर कराने के लिए प्रति छात्र 30 से 50 रुपये तक अदा करने पड़ रहे हैं। इसका सीधा असर बच्चों के अभिभावकों की जेबों पर पड़ रहा है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा अबकी बार दसवीं व बारहवीं कक्षा के बच्चों के सेमेस्टर परीक्षाओं के फार्म ऑन लाइन भरवाए जा रहे हैं। इसकी अंतिम तिथि 27 अगस्त निर्धारित कर रखी है। पिछले दिनों यह आन लाइन प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कत आ गई थी, जिसके चलते कुछ दिनों के लिए इसे बंद कर दिया था। बाद में इसे शुरू करके अंतिम तिथि 27 अगस्त तय कर दी गई, लेकिन अधिकतर स्कूलों में यह फार्म अब तक नहीं भरे जा सकते हैं। शिक्षा विभाग द्वारा ब्रॉडबेंड के बिल नहीं भरे जाने के कारण सरकारी स्कूलों में इंटरनेट सेवा बंद पड़ी हुई है और आज तक शुरू नहीं हो सकी है। इसलिए स्कूलों में यह कार्य नहीं हो पा रहा है। स्कूल मुखियाओं को साइबर कैफे के जरिये यह फार्म भरवाने पड़ रहे हैं। इसके लिए 30 से 50 रुपये प्रति छात्र साइबर कैफे संचालक वसूल रहे हैं।
नहीं जारी हो पाया यूनिक कोड : जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली वजीफा राशि में भी दिक्कत आ रही है। बच्चों के बैंकों में खाते तो खोल दिए गए हैं, लेकिन स्कूलों की तरफ यूनिक कोड जारी नहीं होने के कारण यह राशि आन लाइन ट्रांसफर नहीं हो पा रही है।
अभिभावकों पर बोझ : स्कूल मुखिया इस राशि को बच्चों से मंगवा रहे हैं, क्योंकि वह इस राशि को अपनी जेब से क्यों खर्च करेंगे। यही नहीं विभाग भी अलग से कोई बजट जारी नहीं करता है। इसलिए यह राशि बच्चों से मंगवाई जा रही है, जिससे अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ रहा है। ..dj
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