रोहतक : प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों के साथ अन्याय कर रही है। लेकिन अतिथि अध्यापक रोजगार बचाने लिए आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ेंगे। यह बात सोनीपत जिला के अध्यक्ष भूपेंद्र मलिक ने कही। सोनीपत जिला के अतिथि अध्यापकों का शाम पांच बजे अनशन खत्म हो गया, उनके स्थान पर गुड़गांव जिला के अतिथि अध्यापक अनशन पर बैठ गए हैं।
भूपेंद्र मलिक अनशन पर बैठे अतिथि अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार आठ वर्ष तक सेवाएं लेने के बाद अतिथि अध्यापकों को घर भेजना चाहती है। ऐसे में हजारों अतिथि अध्यापकों का परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो जाएगी। एक तरफ तो सरकार चार वर्ष के अनुभव पर अध्यापकों की भर्ती कर रही है, वहीं आठ वर्ष तक लगातार सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे अतिथि अध्यापकों की नौकरी छीनने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को कानून बनाकर अतिथि अध्यापकों को एक कलम से पक्का कर देना चाहिए ताकि सरकार पर आमजन व कर्मचारी का विश्वास बना रहे। सरकार के मंत्री गलत बयानबाजी देकर अतिथि अध्यापकों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि कोर्ट से इस बारे में कोई अड़चन नहीं है, जिसको लेकर सरकार के मंत्री टालमटोल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षो का सरकारी स्कूलों का रिकार्ड देखा जा सकता है। जिससे खुद ही पता चल जाएगा कि अतिथि अध्यापकों की मेहनत से शिक्षा का स्तर बढ़ा है न कि घटा। खरखौदा ब्लाक के प्रधान राजेंद्र ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आठ वर्ष से आधी तनख्वाह पर काम करके अतिथि अध्यापक बेहतर परिणाम दे रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। लेकिन अब संघर्ष का एलान हो चुका है, जो नियमित किए जाने पर ही शांत होगा। इस अवसर पर राजेश नयन, धर्मेद्र मोर, भूपेंद्र, हरिओम, पंकज, वीरेंद्र, प्रमिला, सरोज बाला, उर्मिला, नेहा, सुरेश मौजूद थे।...dj at 6:05pm
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.