हिसार : हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन की ओर से हाई स्कूलों के हेडमास्टर पदों को समाप्त करने के बयान पर अब बवाल शुरू हो गया है। अध्यापक और हाई स्कूलों के मुख्याध्यापक हसला के इस कदम के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन और राजकीय मुख्याध्यापक संघ ने चेतावनी दी है कि अगर विभाग ने हसला के दबाव में ऐसा कोई भी कदम उठाया तो इसके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
इसी मुद्दे को लेकर गुरुवार को मॉडल टाउन स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में मुख्याध्यापक संघ की आपात बैठक बुलाई गई। जिलाध्यक्ष कैलाश चंद्र सैनी ने कहा कि अगर सरकार और विभाग ने हसला के इस तरह के किसी दबाव में गलत फैसला लिया तो शिक्षा का ढांचा पूरी तरह से चरमरा जाएगा। उन्होंने कहा कि हसला कभी नौंवी और दसवीं को न पढ़ाने की खुली चेतावनी देती है तो कभी उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन का बहिष्कार कर देती है। लेकिन विभाग चुप बैठा है। दूसरी ओर लेक्चरर से प्राचार्य पद पर पदोन्नति कोटा भी 60 फीसदी से बढ़ाकर 67 फीसदी कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्राध्यापकों को कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं होता, जबकि मुख्याध्यापक को पहले ही स्कूल प्रबंधन की जानकारी होती है। इसलिए प्राचार्य पद पर पदोन्नति का हक मुख्याध्यापकों को है। इसलिए पदोन्नति में 50 प्रतिशत हेडमास्टर वर्ग को शामिल करे।
मास्टर वर्ग ने भी जताया रोष
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन की बैठक क्रांतिमान पार्क में हुई। अध्यक्षता प्रदेश कोषाध्यक्ष आर्य संजय ने की। उन्होंने कहा कि हसला की मुख्याध्यापक के पद को मृत काडर घोषित करने और प्राचार्य पद पर सौ फीसदी पदोन्नति प्राध्यापकों से करने की किसी भी नीति को स्वीकार नहीं किया जाएगा। ..db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.