रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद (एसी) की शुक्रवार को आयोजित 172वीं बैठक में जमकर हंगामा हुआ। आखिरकार मदवि में सत्र 2013-14 से दूरस्थ शिक्षा पाठयक्रम प्रारभ करने की योजना सहित अधिकतर प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। इसके अलावा डीडीई के पाठयक्रम दोबारा प्रारभ करने संबंधित अधिनियम तथा सिलेबस एवं प्रवेश प्रक्रिया को भी शैक्षणिक परिषद ने मोहर लगा दी है।
मदवि के कुलपति एचएस चहल की अध्यक्षता में आयोजित शैक्षणिक परिषद की बैठक में 59 प्रस्तावों पर विचार किया गया। शैक्षणिक परिषद ने विभिन्न संकायों में 93 शोधार्थियों के पीएचडी पंजीकरण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। शैक्षणिक परिषद की इस बैठक में विभिन्न पाठयक्रमों की परीक्षा स्कीमों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट साइंस तथा फैकल्टी ऑफ सोशल साइंस, फैकल्टी ऑफ परफॉर्मिग एवं विजुअल आर्ट में बाहरी विशेषज्ञों की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। बैठक में अनुचित साधन उपयोग (यूएमसी) के बारे में निर्णय करने के लिए समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। डीडीई कांफ्रेंस हॉल में आयोजित शैक्षणिक परिषद की इस बैठक में मदवि कुलसचिव डॉ. एसपी वत्स समेत संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।
सीएमजे की डिग्री को मान्यता नहीं
चंद्रमोहन झा विश्वविद्यालय मेघालय की डिग्री पर न तो मदवि में दाखिला होगा और न ही नौकरी दी जाएगी। इस प्रस्ताव पर शैक्षणिक परिषद की बैठक में मोहर लग गई है। इतना ही नहीं सीएमजे की डिग्री पर पदोन्नति हासिल करने वाले प्राध्यापक व प्रोफेसर के मामले में भी विचार होगा। विदित रहे कि सीएमजे विवि पर पीएचडी की फर्जी डिग्री देने के आरोप लगाए गए थे, जिसका कोर्ट में भी मामला चल रहा है।
शारीरिक शिक्षा विभाग को लेकर हंगामा
शैक्षणिक परिषद की मीटिंग में शारीरिक शिक्षा विभाग का मामला छाया रहा। जहां प्राध्यापक डॉ. भगत सिंह द्वारा पीएचडी के रजिस्ट्रेशन को लेकर सवाल खड़े किए गए, वहीं खेल निदेशक एवं शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रो. डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल की पीएचडी की डिग्री को लेकर भी काफी हंगामा किया गया। मीटिंग में डॉ. ढुल की पीएचडी की डिग्री शिक्षा विभाग द्वारा मान्य दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
नियुक्ति के मापदंड पर नहीं बनी सहमति
सरकार द्वारा सरकारी, गैर सरकारी कालेजों में प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए तय मापदंड के प्रस्ताव पर विचार किया गया। लेकिन जो मापदंड तय कर मीटिंग में रखे गए थे, उनको पारित नहीं किया जा सका। अब मापदंड तय करने के लिए विशेष कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी द्वारा मापदंड तय किए जाने के बाद अगली मीटिंग में इसे एजेंडे के तौर पर रखा जाएगा।..djat 7:21pm
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