**9वीं में इसी शैक्षणिक सत्र से लागू की योजना
**9वीं और 10वीं के छात्रों को पढ़ाई के प्रति गंभीर बनाने के मद्देनजर सीबीएसई का फैसला, सममेटिव असेसमेंट में 25 फीसदी अंक जरूरी
रोहतक: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाई में गंभीर बनाने के मद्देनजर बोर्ड ने अब कड़ा फैसला लिया है।
इसके तहत सममेटिव असेसमेंट (एसए-वन व टू) में किसी भी विषय में 25 फीसदी अंक लेने जरूरी हैं, नहीं तो विद्यार्थी को फाइनल परीक्षा से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही, सभी पांचों विषयों में 33 फीसदी औसत अंक लेने अनिवार्य हैं। शिक्षाविदों के मुताबिक, बोर्ड के इस निर्णय के अंतर्गत पूरे शैक्षणिक सत्र में कुल 60 अंकों के दो सममेटिव असेसमेंट (योगात्मक मूल्यांकन) परीक्षा होगी, जिसमें 15 फीसदी अंक लाने जरूरी है। इस संबंध में बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक ने सभी स्कूलों में परिपत्र जारी कर दिया है। इसके तहत यह व्यवस्था 9वीं में इसी शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। इसके बाद, आगामी शैक्षणिक सत्र (2014- 15) में 10वीं के विद्यार्थियों के लिए यह योजना लागू की जाएगी।
सख्ती से साथ मिली राहत
सीबीएसई स्कूलों की एसोसिएशन (सहोदय) के उपाध्यक्ष राजेश जैन ने बताया कि बोर्ड के इस फैसले से विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। खासकर 9वीं के छात्रों को इससे सबसे ज्यादा फायदा होगा। वहीं, जॉन वेस्ले स्कूल की प्राचार्या ममता मलिक ने बताया कि 9वीं के सममेटिव असेसमेंट में मिले अंकों को 10वीं में भी सुधारने का मौका मिलेगा। इसके लिए विद्यार्थियों को खुद में सकारात्मक बदलाव लाना जरूरी है।
अब तक ये व्यवस्था
सीबीएसई के नियमों के अनुसार अभी तक सममेटिव असेसमेंट में ई ग्रेड लाने वाले विद्यार्थी को अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता था, क्योंकि अंकों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी। अब अंकों की स्थिति स्पष्ट हो जाने से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। ...db
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