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Tuesday, 20 August 2013

स्कूल टीचर्स सिलेक्शन बोर्ड के गठन को चुनौती पर सुनवाई

**20 हजार शिक्षकों की नियुक्तियां अधर में 
**सरकार की दलील-याचिका के पीछे राजनीतिक रंजिश कहा-याची बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर इलाके से लड़ चुका है विधानसभा चुनाव 
**चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखने का आरोप 
चंडीगढ़ :हरियाणा स्कूल टीचर्स सिलेक्शन बोर्ड के गठन को खारिज करने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर सोमवार को हरियाणा सरकार की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कहा गया कि याची बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर इलाके से विधानसभा चुनाव लड़ चुका है। ऐसे में राजनीतिक रंजिश के चलते याचिका दायर की गई है। चीफ जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने इस पर याचिका दायर करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए याची से जवाब तलब किया है। 
हाईकोर्ट ने इससे पहले कहा था कि एक तरफ हरियाणा लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या 13 से कम कर 7 कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ आयोग का कार्यभार कम करने के लिए हरियाणा स्कूल टीचर्स सिलेक्शन बोर्ड के गठन की बात की गई। ऐसे में बोर्ड के अलग से गठन की क्या आवश्यकता रही। 
पिंजौर निवासी विजय कुमार बंसल की तरफ से याचिका दायर कर बोर्ड को खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि बोर्ड का गठन अनुचित ढंग से किया गया है। ऐसे में बोर्ड द्वारा किए जाने वाले सभी सिलेक्शन पर रोक लगाई जाए। याचिका में कहा गया कि बोर्ड के चेयरमैन नंद लाल पूनियां मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी रिश्तेदार हैं। इसके अलावा बोर्ड के सदस्य जगदीश प्रसाद मुख्य संसदीय सचिव राव दान सिंह के भाई हैं। एक अन्य सदस्य त्रिभुवन प्रसाद बोस मुख्यमंत्री के बेटे के शिक्षक रहे हैं। याचिका में कहा गया कि चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर बोर्ड के चेयरमैन व सदस्यों की रिटायरमेंट आयु को 72 वर्ष कर दिया गया। हाईकोर्ट ने इस मामले में पहले भी कहा था कि रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर 70 और फिर आगे 72 किए जाने का कोई कारण नहीं दिया गया। ऐसे में यह मनमाना फैसला है। 
सही चयन की उम्मीद करना संभव नहीं 
याचिका में बोर्ड के चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति करने वाले पैनल पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि नियुक्ति करने वालों में हरियाणा की उस समय मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी शामिल हैं। जिन्हें बाद में राज्य सूचना आयुक्त बना दिया गया था। इसके अलावा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डीपीएस संधू शामिल रहे जो मुख्यमंत्री के सहपाठी रहे हैं। ऐसे में सही चयन की उम्मीद करना संभव नहीं हो सकता। 
याचिका में कहा गया कि बोर्ड मौजूदा समय में 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए जरूरी होगा कि बोर्ड को खारिज कर हरियाणा लोक सेवा आयोग के जरिए उक्तभर्तियां कराई जाएं। इस पर हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों के परिणाम घोषित करने पर रोक लगाने के निर्देश बरकरार रखे हैं। ...db





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