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Sunday, 11 August 2013

शारीरिक शिक्षक करेंगे खेलों का बहिष्कार

**रेशनेलाइजेशन का विरोध 
**पीटीआई का पद खत्म करने से खेलों पर पड़ेगा प्रभाव, सरकार के खेल नीति के दावे फेल 
** डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन के नाम कल ज्ञापन सौंपा जाएगा 
हिसार : प्रदेश के शारीरिक शिक्षकों ने शिक्षा विभाग द्वारा अपनाई जा रही रेशनेलाइजेशन नीति का विरोध किया है। शारीरिक शिक्षकों ने शिक्षा विभाग को दो टूक जवाब दिया है कि अगर विभाग ने रेशनेलाइजेशन नीति को वापस नहीं लिया, तो शिक्षक इसी महीने होने जा रहे राज्यस्तरीय खेलों और रेशनेलाइजेशन के तहत की जा रही काउंसिलिंग का बहिष्कार करेंगे। 
राज्यस्तरीय मीटिंग में लिया फैसला 
रविवार को जाट स्कूल में हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ की राज्य स्तरीय बैठक राज्य प्रधान गुरनाम सिंह की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर राज्य प्रधान ने कहा कि शिक्षा विभाग रेशनेलाइजेशन नीति के तहत शारीरिक शिक्षकों के जो पद खत्म कर रहा है, उससे खेलों को काफी नुकसान पहुंचेगा। शारीरिक शिक्षक रेशनेलाइजेशन नीति का पुरजोर विरोध करता है। इस नीति के विरोध में शारीरिक शिक्षक 12 अगस्त को सभी जिलों में डीईओ के माध्यम से डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। इस दिन संघ सीधे डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन को भी ज्ञापन देगा। 
17 अगस्त को होने हैं राज्य स्तीरय मुकाबले 
इसके अलावा इसी दिन हिसार, झज्जर, महेंद्रगढ़ व यमुनानगर में रेशनेलाइजेशन के अंतर्गत की जा रही काउंसिलिंग का भी बहिष्कार करेंगे। गुरनाम सिंह ने कहा है कि अगर सरकार ने रेशनेलाइजेशन नीति को वापस नहीं लिया, तो शारीरिक शिक्षक 17 अगस्त से होने वाले राज्यस्तरीय खेलों का बहिष्कार करेंगे। उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त से भिवानी में फुटबाल, बॉक्सिंग, टेबल टेनिस, सॉफ्ट बाल और गुडग़ांव में वॉलीबाल, जूडो व ताइक्वांडो खेल के राज्यस्तरीय मुकाबले होंगे। 
यह है मांग 
संघ के मुताबिक रेशनेलाइजेशन नीति के तहत सीनियर सेकंडरी स्कूलों में एक हजार से कम बच्चों पर सिर्फ एक डीपीई की पोस्ट रहेगी, जबकि इससे पहले तक सीनियर सेकंडरी स्कूलों में एक पीटीआई व एक डीपीई की पोस्ट थी। इसके अलावा 50 से कम बच्चों वाले मिडिल स्कूलों में पीटीआई की पोस्ट खत्म कर दी गई है। शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि सीनियर सेकंडरी स्कूलों में छठी से आठवीं के लिए एक पीटीआई व 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए एक डीपीई हो। साथ ही मिडिल स्कूलों में एक पीटीआई की पोस्ट अवश्य हो। 
शिक्षकों का कहना है कि विभाग की इस नीति के मुताबिक अगर किसी सीनियर सेकंडरी स्कूल में 999 बच्चे हैं, तो वहां सिर्फ एक डीपीई ही होगा। आखिर एक डीपीई इतने बच्चों को कैसे संभालेगा। उधर मिडिल स्कूल में यदि 49 बच्चे हुए, तो कोई पीटीआई नहीं होगा। इससे उन बच्चों को खेल गतिविधियां कौन कराएगा। बैठक में महासचिव बलवान सिंह, जयभगवान पान्नू, दयाराम, संजीव कुमार, राजेश ढांडा, देवेंद्र सहित अन्य शिक्षक भी आदि उपस्थित थे। ...db 

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