चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तीसरी से आठवीं कक्षा तक मुफ्त किताबें उपलब्ध कराने के मामले में फजीहत ङोल रहा शिक्षा विभाग नए पुस्तक प्रकाशकों के चयन में फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। सोमवार को नए प्रकाशकों के चयन के लिए अल्प अवधि टेंडर की निविदाएं खोली जानी हैं, लेकिन अभी तक यह सार्वजनिक नहीं हो पाया है कि कुल कितनी कंपनियों ने किताबें मुहैया कराने में दिलचस्पी दिखाई है। पुस्तक प्रकाशकों के चयन में शिक्षा विभाग पूरी गोपनीयता बरत रहा है। मौलिक शिक्षा निदेशालय में किसी को कानोंकान कंपनियों के चयन को लेकर चल रही प्रक्रिया की जानकारी नहीं है। शिक्षा विभाग ने तीसरी से आठवीं कक्षा तक लगभग पौने दो करोड़ किताबें मुहैया कराने के लिए पूर्व में चयनित मुंबई व नोएडा की कंपनी को तय समय सीमा से काफी देरी करने पर ब्लैक लिस्ट कर दिया था। कंपनियों की सिक्योरिटी मनी भी जब्त कर ली गई थी। ये कंपनियां लगभग तीस लाख किताबें ही मुहैया करा पाई हैं। सत्र शुरू होने लगभग तीन महीने बीतने को हैं, और किताबें न मिलने पर बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इसे देखते हुए विभाग ने अगस्त महीने की शुरूआत में अल्प अवधि टेंडर निकालकर नई कंपनियों से पुस्तकें मुहैया कराने के लिए निविदाएं मांगी थी। विभाग की योजना है कि इस बार दो से अधिक कंपनियों को पुस्तक प्रकाशन का टेंडर देकर एक महीने के भीतर किताबों की आपूर्ति सुनिश्चत की जाए। dj
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