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Monday, 12 August 2013

विभाग व शिक्षकों में बढ़ सकता है टकराव

** रेशनेलाइजेशन के आधार पर सरप्लस टीचर्स को सेंटर अलॉट करने के लिए काउंसिलिंग आज, जिला स्तर पर रिपोर्ट तैयार
हिसार : सत्र के शुरू से रेशनेलाइजेशन के विरोध में शिक्षक और शिक्षा विभाग आमने-सामने है। सोमवार को मामला और गरमा सकता है। दरअसल, विभाग छात्र संख्या के आधार पर रेशनेलाइजेशन में सरप्लस टीचर्स को काउंसिलिंग के जरिए नए स्टेशन अलॉट करेगा। इसके लिए खंड स्तर से लेकर जिला स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। विभागीय रिपोर्ट मांग के अनुरूप न होने पर पहले से विरोध में उतरी टीचर्स यूनियन और भड़क सकती हैं।यूनियन ने ऐसा न होने की सूरत में इस काउंसिलिंग का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। 
रेशनेलाइजेशन थ्री टीयर एजुकेशन सिस्टम के तहत पहले ही विवादों में है। इस नीति के तहत नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को पहले ही लेक्चरर्स को सौंपे जाने की तैयारी है। ऐसे में छठी से आठवीं कक्षा तक के वर्कलोड के आधार पर ही मास्टर वर्ग की रेशनेलाइजेशन की जानी है। लेकिन इसमें भी छात्र संख्या का पेंच फंसा हुआ है। अगर छात्र और अध्यापक का अनुपात बढ़ाया जाता है तो इससे जिले भर में कई टीचर्स के पद सरप्लस हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर टीचर्स यूनियन इस अनुपात को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कम करने की मांग पर अड़ी हुई है। इसलिए अगर सोमवार को होने वाली काउंसिलिंग में छात्र संख्या का अनुपात अध्यापकों की मांगों के अनुरूप नहीं हुआ तो विभागीय अधिकारियों और अध्यापकों का विवाद बढ़ सकता है। 
डीईओ की अध्यक्षता में होगी काउंसिलिंग 
जहाज पुल  स्थित राजकीय स्कूल में की जाने वाली काउंसिलिंग के लिए जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसमें उप जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) के प्राचार्य भी शामिल हैं। अध्यापक संघ के राज्याध्यक्ष वजीर सिंह का कहना है कि रेशनेलाइजेशन को लेकर कई बार विभाग के उच्चाधिकारियों से मिला जा चुका है। इसके तहत प्राथमिक स्तर पर 20 बच्चों तक का स्कूल बना रहेगा और उसमें एक अध्यापक होना अनिवार्य है। इसके अलावा 21 से 60 छात्रों पर दो अध्यापक होंगे, जिसमें एक मुख्य शिक्षक होगा। इससे आगे हर 30 छात्रों पर एक अध्यापक का पद सर्जित किया जाना जरूरी है। इसलिए अगर विभाग ने इस नियम के खिलाफ रेशनेलाइजेशन की तो अध्यापक संघ सोमवार को की जाने वाली काउंसिलिंग का बहिष्कार कर देगा।
स्कूल खेल प्रशिक्षक (पीटीआई/डीपीई) भी रेशनेलाइजेशन के विरोध में आ खड़ा हुआ है। जिला प्रधान संजीव आर्य का कहना है कि विभाग 50 स्टूडेंट्स से कम संख्या वाले स्कूलों से पीटीआई का पद समाप्त कर रहा है। इससे स्कूलों से खेल पूरी तरह से गायब हो जाएंगे। सोमवार को सभी स्कूलों के पीटीआई शाम को तीन बजे उपायुक्त कार्यालय पर एकत्र होंगे और उपायुक्तऔर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर फिर भी विभाग ने निर्णय नहीं बदला तो काउंसिलिंग का बहिष्कार किया जाएगा।  ...db

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