फरीदाबाद : गेस्ट टीचर अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन करने का मन बना रहे हैं। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हुई मुलाकात में इनके भविष्य को लेकर फैसला नहीं हो सका। ऐसे में नियमतिकरण का मामला खटाई में पड़ गया है।
प्रदेश में हरियाणा के पंद्रह हजार गेस्ट टीचरों को नियमित किए जाने का मामला गत आठ वर्षों से लटका हुआ है। इस मांग को लेकर कई बार प्रदेशस्तरीय आंदोलन भी कर चुके है। लेकिन सरकार द्वारा ठोस कदम नहीं उठाने की वजह से इन्हें हमेशा निराशा ही हाथ लगी है। रोहतक से संसद तक गेस्ट टीचरों ने पदयात्रा भी की है। स्कूलों की पढ़ाई व्यवस्था संचालन में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। परीक्षा परिणाम सुधारने में गेस्ट टीचरों ने काफी मेहनत की। अपने कार्यों से इन्होंने अपनी सार्थकता साबित की है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान नियमित करने का भरोसा नहीं दिया। लगातार आठ साल से ये काम करते आ रहे हैं। ऐसे में गेस्ट टीचरों का कहना है कि उन्हें नियमित किया जाए। समान काम के लिए समान वेतन मिले। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचता है। अतिथि अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष इनामी तेवतिया ने बैठक को विफल होने के पीछे सरकार की हठधर्मिता बताया। उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों के कारण आज सरकारी स्कूलों में शिक्षा का लगातार स्तर पर बढ़ा है। परीक्षा परिणामों में लगातार गुणवत्तापूर्ण वृद्धि हो रही है। संघ अब नए सिरे से आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी। इसका फैसला शीघ्र प्रदेशस्तरीय बैठक में लिया जाएगा। db
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