.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday, 15 December 2013

न मेडिकल, न काउंसलिंग, न चरित्र सत्यापन, सीधे नियुक्ति

** शिक्षा विभाग ने शनिवार को छुट्टी के दिन शिक्षकों को कराया ज्वाइन 
चंडीगढ़ : रिश्तेदारी में मुम्बई घूमने गई दीपिका को सुबह सूचना मिली कि वह तुरंत गुडग़ांव में शिक्षा विभाग के दफ्तर पहुंचे। दीपिका आनन-फानन में हवाई जहाज से दिल्ली पहुंची और वहां से किसी तरह गुडग़ांव। यहां शिक्षा विभाग के दफ्तर में बिना मेडिकल, काउंसलिंग, चरित्र सत्यापन के उसे कैमेस्ट्री लेक्चरर के रूप में नियुक्ति पत्र मिल गया। इसी तरह रेवाड़ी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत मीनाक्षी भी असमंजस में थी कि वह बैंक से बिना कार्यभार मुक्त हुए शिक्षा विभाग से नियुक्ति पत्र कैसे ले सकती है। चूंकि विभाग ने शनिवार शाम 5 बजे तक ज्वाइन करने के आदेश दे रखे थे इसलिए मीनाक्षी शिक्षा विभाग पहुंच गई। यह स्थिति अकेले गुडग़ांव या रेवाड़ी में नहीं थी बल्कि कई जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) के दफ्तर में यही आलम देखने को मिला। शनिवार को छुट्टी के बावजूद शिक्षा विभाग ने आनन फानन न केवल चयनित शिक्षकों को अपॉइंटमेंट लेटर जारी किए बल्कि उन्हें ज्वाइन भी करवा दिया। 
मेवात में शिक्षक मायूस 
तीन माह पहले मेवात कैडर में नियुक्त हुए अनेक युवाओं का हरियाणा कैडर में भी चयन हो गया। इनके कागजात मेवात शिक्षा कार्यालय में जमा थे। ऐसे में सरकारी अवकाश होने के कारण वे चाहकर भी शनिवार 5 बजे तक अपनी पंसद के स्टेशन पर ज्वाइनिंग की औपचारिकता पूरी नहीं कर पाए। 
ये हैं नई नियुक्ति कराने के नियम 
नियुक्ति पत्र डाक से कैंडीडेट के घर भेजा जाता है। उसके बाद अखबारों में काउंसलिंग की डेट प्रकाशित होती है। फिर कैंडीडेट्स के मेडिकल के बाद डीईओ ज्वाइनिंग रिपोर्ट संबंधित स्कूल के पास भेजता है। स्कूल प्राचार्य ज्वाइनिंग करवाकर सूचना वापस शिक्षा अधिकारी को देता है। शनिवार को यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। 
हम तो पहले भी ऐसा करते रहे हैं : सुरीना 
                            शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन से सीधी बात
सरकारी छुट्टी के बावजूद आज प्रदेश में 400 से ज्यादा टीचरों को ज्वाइन कराया गया। जल्दबाजी की वजह क्या है? 
- हां, पहले इस पर कोर्ट का स्टे था। हमें शिक्षकों की ज्यादा जरूरत है। अगले सेमेस्टर के एग्जाम होने वाले हैं, इसलिए आज ही ज्वाइन करवाया। 
कहीं ऐसा तो नहीं कि सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज होने के डर से आनन-फानन में ज्वाइन करवाया हो? 
- नहीं, हम तो पहले भी ऐसा करते रहे हैं। वैसे भी कोर्ट में यह भर्ती चैलेंज नहीं हुई थी। इसे लेकर कोई सवाल नहीं था। 
ज्वाइनिंग के लिए क्या दो दिन इंतजार नहीं हो सकता था? 
- इसमें क्या हो गया? छुट्टी के दिन भी सरकारी ऑफिस खुलते हैं। वैसे भी हमने उन्हीं कैंडिडेट्स को ज्वाइन करवाया है जिनके दस्तावेजों का वेरिफिकेशन हो चुका है। 
अगर सुप्रीम कोर्ट ने ये भर्तियां रद्द कर दी, तो उनका क्या होगा जिन्हें ज्वाइन करवाया है? 
- सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह लागू होगा। 
तो क्या फिर इन लोगों को नौकरी से हटाया जाएगा? 
- सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला आएगा, वह सभी को मानना ही पड़ेगा।             

             db 


No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.