कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आदेश पर इसी सत्र से कॉलेज स्टूडेंट्स पर लगाए गए डेवलपमेंट चार्ज का विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन कर नेशनल हाईवे जाम कर दिया। करीबन आधा घ्ंाटे से अधिक समय तक कॉलेज के बाहर हिसार दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर छात्राओं ने जाम लगाए रखा। सूचना मिलने पर जब पुलिस व कॉलेज प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर छात्राओं को उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया तब जाकर छात्राओं ने जाम खोला।
सुशीला, रेनू, सीमा, सुनीता, अनु, सरोज, अनीता और सोनिया ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय में गरीब परिवार की लड़कियां पढ़ती है। कॉलेज प्रशासन उनसे नाजायज डवलपमेंट चार्ज के रूप में राशि वसूल कर रहा है। जो की गलत है। आज कॉलेज में राशि भुगतान की अंतिम तिथि है। कॉलेज प्रशासन उन पर राशि जमा करवाने के लिए दबाव बना रहा है। हम सबने इसे न भरने का फैसला लिया है।
सभी कॉलेजों को जारी किए आदेश
गत माह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेज को विभिन्न कोर्स के विद्यार्थियों से भिन्न-भिन्न डवलपमेंट चार्ज जमा करवाने का आदेश जारी किया है। केयू के आदेशानुसार बीए, बी. कॉम, बी. एससी प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों से 150 रुपये, बीबीए के विद्यार्थी से 1200, बीसीए और एम. एससी के विद्यार्थियों से 1800 रुपये, प्रोफेशनल कोर्स में 1000 रुपये जमा करवाने के कॉलेजों को आदेश दिए हैं। यह राशि डवलपमेंट चार्ज के रूप में पहली बार ली जा रही है। कॉलेज प्राचार्य बीएस गोत्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय यह राशि खेल प्रतियोगिता करवाने और यूथ फेस्टीवल या अन्य कार्यक्रम में प्रयोग करेगा।
राशि जमा करने की तिथि बढ़ाई
कॉलेज प्रशासन ने बीए, बी. कॉम व बी.एससी की छात्राओं को डवलपमेंट चार्ज की राशि भुगतान की 8 फरवरी अंतिम तिथि निर्धारित की थी, पर छात्राओं के विरोध करने पर आश्वासन के रूप में तिथि को दो दिन आगे बढ़ा दिया है। कॉलेज में करीबन 1300 छात्राएं है जिनमें से करीबन 50 छात्राओं ने ही राशि जमा करवाई है।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का है फैसला : प्राचार्य
कालेज प्राचार्य बीएस गोत्रा ने बताया कि उन्हें यूनिवर्सिटी की तरफ से डवलपमेंट चार्ज की राशि भुगतान के आदेश आए है। उसी के तहत छात्राओं से राशि ली जा रही है। कॉलेज ने किसी भी छात्रा पर राशि जमा करवाने का दबाव नहीं डाला है। जो भी छात्रा राशि जमा करवाएंगी उन्हें केयू में भेज दिया जाएगा। जो छात्राएं इसका विरोध कर रही है इस संबंध में उनके द्वारा जो भी शिकायत या मांगपत्र कॉलेज प्रशासन को दिया जाएगा, उससे केयू के कुलपति या रजिस्ट्रार को अवगत करवाया
दिया जाएगा।
छात्राएं बोलीं, साइंस की पढ़ाई करना गुनाह है
छात्राओं ने कहा कि एक तो वे गरीब परिवारों से हैं। विज्ञान के क्षेत्र में पढ़ाई पर अधिक खर्च होता है बावजूद इसके परिवार उनको पढ़ाने पर सहमत हुआ। ऊपर से 1800 रुपये चार्ज के रूप में लेकर उनके परिवार पर विश्वविद्यालय द्वारा अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। क्या साइंस विषय में पढ़ाई करना
कोई गुनाह है? जो इतनी बड़ी राशि उनसे वसूली जा रही है। उन्होंने कहा कि हम यह राशि जमा नहीं करवाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय को शिकायत दी जाएगी। इस बारे में जल्द ही फैसला लिया जाए। db
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