नरवाना : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूलों में पीजीटी को हेडमास्टरों के मताहत नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया पर कड़ा एतराज जताया है। इसके साथ-साथ हसला ने वेतनमान व पदोन्नति के मामले में प्राध्यापकों के साथ भेदभाव व अन्यायपूर्ण नीति बरतने का आरोप भी लगाया है। हसला ने सरकार से उन हाई स्कूलों में हेडमास्टर को रिलीव कर मुखिया का कार्यभार स्कूल प्राध्यापकों अथवा पीजीटी को दिए जाने की मांग की है जिनमें पीजीटी को ज्वाइन कराया गया है। हसला ने इन मुद्दों को लेकर आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है जिसके लिए हसला की राज्य कार्यकारिणी की 4 फरवरी को हिसार में आपात बैठक बुलाई गई है। उपरोक्त जानकारी हसला के पूर्व प्रांतीय प्रधान एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य किताब सिंह मोर ने आज यहां दी। मोर ने कहा कि एक तरफ तो विभाग नई शिक्षा नीति के तहत हाई स्कूलों को अपग्रेड कर सीनियर सेकेंडरी स्कूलों का दर्जा देने की नीति बना रहा है, वहीं दूसरी तरफ हाई स्कूलों में पीजीटी शिक्षकों को अपने से कम शैक्षणिक योग्यता वाले हेडमास्टरों के अधीन काम करने के लिए विवश कर रहा है जो अन्यायपूर्ण होने के साथ-साथ प्राकृतिक सिद्धांत के भी खिलाफ है।
हसला की आपत्ति
शिक्षा विभाग की नई नीति में भविष्य में प्रदेश में दो प्रकार के स्कूल रहेंगे। कक्षा 1 से 8 तक शिक्षा देने के लिए मिडिल स्कूल तथा कक्षा 9 से 12 तक के लिए सीनियर सेकेंडरी स्कूल। इसके तहत मौजूदा हाई स्कूलों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा तथा इन्हें अपग्रेड कर सीनियर सेकेंडरी स्कूल बना दिया जाएगा। विभाग द्वारा हाई स्कूलों में हेडमास्टरों के पद मास्टर वर्ग से पदोन्नति द्वारा भरे गए हैं। उधर, विभाग हाल ही में भर्ती किए गए पीजीटी शिक्षकों को 9वीं व 10वीं कक्षाओं को पढ़ाने के लिए हाई स्कूलों में ज्वाइन करवा रहा है। इसी के चलते पीजीटी शिक्षकों को अपने से कम शैक्षणिक योग्यता वाले हेडमास्टर के अधीन कार्य करना पड़ रहा है। यह अनुचित भी है तथा अन्यायपूर्ण भी। हेडमास्टर को नियमानुसार स्कूल प्राध्यापक / पीजीटी शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) तक लिखने की पॉवर नहीं है। dt
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