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Saturday, 15 February 2014

पदोन्नति तो मिल गई, लेकिन नुकसान के साथ

जींद : शिक्षा विभाग ने प्रदेश के मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को बेशक पदोन्नति का तोहफा दे दिया हो, लेकिन यह पदोन्नति उनको पूरी तरह से रास नहीं आ रही है। पदोन्नति मिलने पर उनके वेतन में वृद्धि तो हुई नहीं उल्टे मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों के पद पर रहते मिल रही दो हजार रुपये की अंतरिम राहत भी अब उन्हें नहीं मिल सकेगी।
शिक्षा विभाग ने लगभग आठ माह पहले मौलिक स्कूलों में मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों की नियुक्तियां पदोन्नति से की थी। इसके चलते मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक तृतीय श्रेणी में थे। हालांकि नियुक्ति पाने वाले मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों के अलग-अलग संगठनों से जुड़े शिक्षक इन्हें क्लास टू व क्लास थ्री में ही रखने की मांग कर रहे हैं। मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को विभाग ने लगभग आठ माह बाद हाई स्कूल हेडमास्टर बना दिया है। विभाग ने 800 से अधिक मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों की पदोन्नति की है, लेकिन अधिकतर को यह रास नहीं आ रही है, क्योंकि उन्हें सरकार द्वारा हाल ही में गोहाना रैली में मुख्यमंत्री द्वारा क्लास थ्री के कर्मचारियों को मिलने वाली अंतरिम राहत नहीं मिल सकेगी। इसी माह से ही उन्हें यह अंतरिम राहत मिलनी शुरू हुई थी, लेकिन 800 से अधिक पदोन्नति पाने वाले हाई स्कूल हेडमास्टर अब इस अंतरित राहत का लाभ नहीं उठा सकेंगे। हाई स्कूल हैडमास्टर के पद पर पदोन्नति पाने वाले हेडमास्टरों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पदोन्नति से उनका कोई फायदा नहीं हुआ। किसी प्रकार का वेतन व भत्ते नहीं बढ़े, लेकिन जो अंतरिम राहत मिल रही थी, पदोन्नति मिलने पर वह भी उसका लाभ नहीं ले सकेंगे।  
ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेंगे स्टेशन
पदोन्नत किए गए हाई स्कूल हेडमास्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में ही स्टेशन दिए गए हैं। यदि किसी हेडमास्टर को शहरी क्षेत्र में स्टेशन दिया गया जाएगा तो संबंधित हेडमास्टर का सर्विस रिकार्ड देखा जाएगा कि उसने 15 साल तक ग्रामीण क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी हो। ऐसा न होने पर उसे ग्रामीण क्षेत्र का ही स्टेशन दिया जाएगा।                                        dj

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