** आज होगी मुख्य सचिव व कर्मचारी तालमेल कमेटी के बीच बैठक
चंडीगढ़ : अनुबंध कर्मचारियों को पक्का करने पर सहमति नहीं बनी तो सरकार को एक और राज्यव्यापी आंदोलन ङोलना पड़ सकता है। विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की निगाहें मंगलवार को सरकार व हरियाणा कर्मचारी तालमेल कमेटी के बीच होने वाली वार्ता पर टिकी हैं। यदि मुख्य सचिव की ओर से गठित तीनों समितियों की सिफारिशें कर्मचारियों के हक में न हुईं तो सर्व कर्मचारी संघ चंडीगढ़ में ही आगामी आंदोलन की घोषणा कर देगा।
हरियाणा कर्मचारी तालमेल कमेटी इस निर्णय से मुख्य सचिव एससी चौधरी को भी पत्र भेज कर अवगत करा चुकी है। कमेटी मांग कर रही है कि दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके पार्ट टाइम, डेली वेजिज, वर्कचार्ज, तदर्थ व अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों को बिना शर्त पक्का किया जाए। सरकार इस पर गहनता से विचार भी कर रही है, लेकिन सभी श्रेणी के पूरे अनुबंध कर्मियों का एक साथ पक्का होना मुश्किल लग रहा है। यदि सरकार सभी को पक्का करने का निर्णय लेती है तो पचास हजार से अधिक अनुबंध कर्मी लाभान्वित होंगे।
तालमेल कमेटी के सदस्य सुभाष लांबा, अमर सिंह यादव व राजीव जौली ने बताया कि रेगुलाइजेशन कमेटी के सामने तालमेल कमेटी अपना पक्ष मजबूत तरीके से रख चुकी है। दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी प्रकार के कर्मचारियांे को पक्का किया जा सकता है, इसमें कोई कानूनी अड़चन नहीं है। कर्मचारी पंजाब के समान वेतन मान लेकर रहेंगे। सरकार इस पर भी संजीदगी से विचार नहीं कर रही है।
कर्मचारी उत्पीड़न के तमाम मामलों को भी योजनाबद्ध तरीके से लटकाया जा रहा है। लांबा ने कहा कि अब सरकार को तय करना है कि वे बातचीत के जरिए समस्याओं का समाधान चाहती है या कर्मचारियों को उनकी मांगें नजरअंदाज कर दोबारा आंदोलन करने पर विवश करती है। dj
हरियाणा कर्मचारी तालमेल कमेटी इस निर्णय से मुख्य सचिव एससी चौधरी को भी पत्र भेज कर अवगत करा चुकी है। कमेटी मांग कर रही है कि दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके पार्ट टाइम, डेली वेजिज, वर्कचार्ज, तदर्थ व अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों को बिना शर्त पक्का किया जाए। सरकार इस पर गहनता से विचार भी कर रही है, लेकिन सभी श्रेणी के पूरे अनुबंध कर्मियों का एक साथ पक्का होना मुश्किल लग रहा है। यदि सरकार सभी को पक्का करने का निर्णय लेती है तो पचास हजार से अधिक अनुबंध कर्मी लाभान्वित होंगे।
तालमेल कमेटी के सदस्य सुभाष लांबा, अमर सिंह यादव व राजीव जौली ने बताया कि रेगुलाइजेशन कमेटी के सामने तालमेल कमेटी अपना पक्ष मजबूत तरीके से रख चुकी है। दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी प्रकार के कर्मचारियांे को पक्का किया जा सकता है, इसमें कोई कानूनी अड़चन नहीं है। कर्मचारी पंजाब के समान वेतन मान लेकर रहेंगे। सरकार इस पर भी संजीदगी से विचार नहीं कर रही है।
कर्मचारी उत्पीड़न के तमाम मामलों को भी योजनाबद्ध तरीके से लटकाया जा रहा है। लांबा ने कहा कि अब सरकार को तय करना है कि वे बातचीत के जरिए समस्याओं का समाधान चाहती है या कर्मचारियों को उनकी मांगें नजरअंदाज कर दोबारा आंदोलन करने पर विवश करती है। dj
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