हिसार : शिक्षा विभाग के नियमों के फेर में जिले के 22 स्कूलों के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी जहां इसके लिए नियमों का हवाला दे रहे हैं, वहीं हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने इसे विभाग की लापरवाही करार दिया है। नियमानुसार बोर्ड की परीक्षाओं के लिए फार्म भरने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सूची डायरेक्टर पंचकूला को भेजी गई सूची में जिले के 22 स्कूलों का नाम नहीं है। इसी को आधार बनाकर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इन स्कूलों के फार्मों पर काउंटर साइन करने से मना कर दिया। इन स्कूलों के पास 2007 में स्थायी और अस्थायी मान्यता थी। ऐसे में इन स्कूलों के नाम भेजे जाने की जानकारी का खुलासा भी उस समय हुआ है जब शुक्रवार तक इनके स्कूलों के फार्म जमा होने हैं। ऐसे में की गई इस गलती से इन स्कूलों का भविष्य अधर में लटक गया है।
प्राइवेट स्कूल संघ ने जताया रोष
"2009 या इससे पहले परमिशन, स्थायी अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची डायरेक्टर को भेजने का काम स्कूलों के बजाय अधिकारियों का था। अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही उन स्कूलों का रिकार्ड या नाम वहां नहीं भेजा गया। ऐसे में स्कूलों के फार्म पर काउंटर साइन करना गलत है। ऐसे में यदि अधिकारियों की लापरवाही की सजा स्कूलों को दी गई तो वे इसका विरोध करेंगे।'' सत्यवान कुंडू, प्रदेशाध्यक्ष हरियाणा प्राईवेट स्कूल संघ
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के अनुसार जिले के 22 स्कूलों के 2700 विद्यार्थियोंं का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। इसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। वहीं शुक्रवार तक बोर्ड कक्षाओं के फार्म भरने की तारीख तय की है। db
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