** कमिश्नरी कमेटी ने पानीपत रोहतक के हेड शिक्षकों का किया मूल्यांकन
** अब एससीईआरटी में मूल्यांकन के बाद ही होगा स्कूल का चयन
रोहतक : एक माह चले कक्षा तत्परता कार्यक्रम (सीआरपी) में अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्कूल मुखिया के मूल्यांकन और पुरस्कार पाने का समय गया है। बुधवार को एससीईआरटी द्वारा गठित कमिश्नरी कमेटी ने जिलों से चयनित होकर आए स्कूल के मुखिया की पीपीटी मंडल स्तर पर देखना शुरू कर दिया है। शहर के मॉडल टाउन स्थित राजकीय कन्या सेकेण्डरी स्कूल में पहले दिन रोहतक पानीपत के स्कूल मुखिया ने कमेटी के सामने अपनी प्रस्तुति दी।
कमेटी के सभी सदस्यों ने प्राचार्य हेड मास्टर की पीपीटी को देखकर मूल्यांकन किया। रोहतक से पीपीटी दिखाने 451 के सापेक्ष 68 विद्यालयों के स्कूल मुखिया को चयनित ही किया गया। पानीपत से भी पीपीटी को दिखाने के लिए 22 विद्यालय के मुखिया ही आए थे। सभी ने एक महीने तक चले कार्यक्रम के दौरान अपने विद्यालय में क्या किया, कमिश्नरी की गठित तीन कमेटियों को दिखाया।
रोहतक मंडल में पीपीटी दिखाने का कार्यक्रम 7 जुलाई तक चलेगा। गुरुवार को करनाल से 98 विद्यालयों के स्कूल मुखिया पीपीटी दिखाने के लिए आएंगे। 5 जुलाई को झज्जर 7 जुलाई को सोनीपत जिले के स्कूल मुखिया पीपीटी दिखाने के लिए मौजूद रहेंगे।
जनपद में इस तरीके से हुआ चयन
शिक्षा विभाग ने इस बार सत्र शुरु होते ही बच्चों में उनके अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए कार्यक्रम चलाया था। इसमें स्कूलों में अप्रैल मई महीने में अपने स्तर पर अनेक प्रोग्राम चलाएं। विद्यालयों के कार्यों का मूल्यांकन डीईओ, डीईईओ, बीईओ, बीईईओ डीपीसी सहित अन्य अधिकारियों ने किया था। सभी ने एक रिपोर्ट तैयारी की जिसे जिले के 451 प्राइमरी, जूनियर, हाईस्कूल सीनियर सेकेण्डरी में से 68 विद्यालयों का चयन किया गया था।
मूल्यांकन के बाद घोषित होगा रिजल्ट
जिले से जांच होने के बाद मंडल स्तर पर स्कूल के मुखिया द्वारा पीपीटी प्रस्तुत की गई। यहां पर कमिश्नरी कमेटी द्वारा मूल्यांकन करने के बाद एससीईआरटी गुडगांव भेज दिया जाएगा। वहां पर सभी मण्डल से रिपोर्ट आने के बाद मूल्यांकन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके बाद मूल्यांकन कर रिजल्ट घोषित होगा।
आखिर क्या है सीआरपी
बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने, सिखाने उनके अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से कक्षा तत्परता कार्यक्रम शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम अप्रैल महीने से शुरु हुआ था। इसमें बच्चों ने एक से एक आलेख और विभिन्न वस्तुएं बनाई थी। बच्चों को किसी तरीके से चेक से पैसा निकला जाता है, इसके बारे में भी बताया गया था। यहीं नहीं बच्चों विभिन्न कार्यक्रम को बनाया था। इसके दौरान वेस्ट मेटिरियल से पेंटिग बनाना, ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी देना, रंगोली, मेहंदी, एटीएम, बैंक डाकखाने के कामकाज के बारे में भी बताया गया था। सरकार ने इस कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में एक महीने तक चलाया था। db
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