** जींद में अध्यापकों ने एक पांव पर खड़े होकर जताया रोष
जींद : बच्चों की कम संख्या वाले प्राइमरी स्कूलों को बड़े स्कूलों में मरज करने के फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलनरत अध्यापकों और शिक्षामंत्री गीता भुक्कल के बीच झज्जर में रविवार को हुई वार्ता विफल रही। अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल ने जींद पहुंचकर मैदान में डटे रहने का एलान किया करते हुए एक पांव पर खड़े होकर रोष जताया। राजकीय प्राथमिक शिक्षा संघ के जिला प्रधान विजय सहारण ने कहा कि सरकार इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि वह हजारों के रोजगार पर कैंची चलाने के लिए उतारू है। शिक्षामंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि स्कूलों को मर्ज करने की नीति को रद्द करने संबंधी मांग पर विचार किया जाएगा। उनका यह आश्वासन सरासर आंदोलनकारी अध्यापकों की भावनाओं पर चोट है। प्रदेश के सैकड़ों अध्यापक सरकार और शिक्षा विभाग की स्कूलों के समायोजन नीति के विरोध में पिछले नौ दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। अब प्रदेश के 35 हजार जेबीटी अध्यापक आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
15 जुलाई को करेंगे चंडीगढ़ कूच
15जुलाई को हजारों अध्यापक चंडीगढ़ कूच कर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निवास स्थान और शिक्षा निदेशालय कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों को तोड़कर उनके विलयकरण के फरमान के विरोध में अध्यापक यहां दिन-रात धरने पर बैठे हैं। उनका एक साथी राजेश खरब धरने स्थल पर आमरण अनशन पर बैठा है। अध्यापकों ने फैसला लिया है कि सरकार जो रूख अपना रही है, अध्यापक भी उसी की तर्ज पर जवाब देंगे। सरकार जो प्रदेश को शिक्षा हब बनाने के झूठे दावे कर रही है, उसकी पोल खोली जाएगी। db
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