कॉलेज में एडमिशन से पहले ही स्टूडेंट्स की टेंशन बढ़ गई है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक ने फरमान जारी किया है कि हर सेमेस्टर में 50 फीसदी पेपर क्लियर करने होंगे तभी उन्हें अगले सेमेस्टर में इंट्री मिलेगी। विवि के इस फैसले से साफ है कि कॉलेज शुरू होने के बाद से ही विद्यार्थियों को मस्ती छोड़कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना होगा, तभी उनकी नैया पार लगेगी।
यहां बता दें कि विवि ने अपने उस फैसले को बदला है जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों को छूट दी थी कि अगर उनका कोई सेमेस्टर का पेपर क्लियर नहीं है तो भी उन्हें अगले सेमेस्टर में बैठने की अनुमति होगी। विवि के इस नियम को कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र के शुरुआत में होने वाले आरियटेंशन कार्यक्रम में विद्यार्थियों को इस बाबत जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
ऐसे लागू होगी व्यवस्था :
प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स जब एग्जाम देकर आगे बढ़ेंगे तो उन्हें अपने 50 फीसदी पेपर क्लियर करने होंगे। मसलन साइंस स्ट्रीम रखने वाले बच्चों को जहां तीन पेपर तो आर्ट्स में दो पेपर में उत्तीर्ण हाेना आवश्यक है। चूंकि रिजल्ट देरी से आता है इसलिए सेकेंड ईयर में तो प्रवेश मिल जाएगा, लेकिन थर्ड ईयर में ऐसा नहीं होगा।
पुराने विद्यार्थियों को मिलती रहेगी छूट :
विवि का यह फैसला सिर्फ इसी सत्र से लागू होगा। पूर्व के विद्यार्थियों को सेमेस्टर योजना का लाभ मिलता रहेगा, यानि सेकेंड एवं थर्ड ईयर के स्टूडेंट अभी भी अंतिम वर्ष तक जाकर अपने सेमेस्टर क्लियर कर सकते हैं।
"विवि का फैसला अच्छा है। इससे विद्यार्थियों को शुरुआत से ही मेहनत करनी होगी। हो सकती है की शुरुआत में उन्हें दिक्कत आए, लेकिन आगे चलकर उन्हें इससे राहत मिलेगी। पुराने पेपर क्लियर की कोई टेंशन ही नहीं होगी। हमारी कोशिश रहेगी कि सिलेबस साथ-साथ चलें। जिससे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ नहीं बढ़े।''--डॉ. ज्योति जुनेजा, प्रिसिंपल, जीवीएम गर्ल्स कॉलेज, सोनीपत dbsnpt
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