चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों ने एपीएआर (वार्षिक गोपनीयता मूल्यांकन रिपोर्ट) के फार्म खाली सौंपने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग ने 4 जुलाई एपीएआर फार्म भर कर जमा कराने की तिथि निर्धारित की है। मालूम हो कि अभी तक शिक्षकों की एसीआर लिखी जाती थी, लेकिन अब उसकी जगह एपीएआर भरनी पड़ेगी।
इसमें अध्यापक, स्कूल हेड, खंड शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी वर्ष 2013-14 की अपनी गतिविधियों की विस्तार से जानकारी देंगे। इसमें बच्चों के दाखिला, पास प्रतिशत, खेलकूद व स्कूल की अन्य गतिविधियां भी शामिल की गई हैं। एपीएआर का फार्म सौ अंक का होगा। शिक्षकों द्वारा फार्म में दी गई जानकारी पर स्कूल हेड अपने विचार लिखेंगे। इसके बाद खंड व जिला शिक्षा अधिकारी अपनी प्रतिक्रिया देंगे। नवंबर महीने में इस फार्म को अध्यापक के बायोडाटा के तौर पर शिक्षा विभाग शामिल कर लेगा। इसके बाद यही रिपोर्ट हर वर्ष अपडेट होती रहेगी। शिक्षकों की एपीएआर ऑनलाइन कर दी जाएगी और इसके आधार पर ही उनकी पदोन्नति व तबादला होगा।
एपीएआर के विरोध में शिक्षक संगठन एकजुट :
शिक्षा विभाग के इस नए प्रयोग के विरुद्ध शिक्षक वर्ग एकजुट हो चुका है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन पहले ही एपीएआर का विरोध कर चुकी है। अब राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी इसके बहिष्कार का एलान कर दिया है। संघ के महासचिव दीपक गोस्वामी ने बताया कि वे एपीएआर नहीं भरेंगे। 4 जुलाई को 11 बजे प्रदेश के 30,000 प्राथमिक शिक्षक 21 जिलों में बिना भरे खाली एपीएआर फार्म जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में जमा करा देंगे। यह गैर कानूनी है और शिक्षक नियमावली में इसका प्रावधान नहीं है।
व्यवस्था को दोषपूर्ण बताया
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्य प्रधान रमेश मलिक व महासचिव विकास शर्मा ने एसीआर के नए स्वरूप एपीएआर लिखने की तय व्यवस्था पर ऐतराज जताया है। स्कूल मुखिया का पद खाली होने पर स्कूल प्रभारी को प्रथम रिपोर्टिग अधिकारी बनाया जाना चाहिए था। स्कूल प्रभारी को यह अधिकार न देने से एपीएआर का वास्तविक मूल्यांकन संभव नहीं है। एसोसिएशन इसका पुरजोर विरोध करेगी। dj
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