फरीदाबाद : हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स (हसला) की राज्य कार्यकारिणी ने प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा चार जुलाई को शिक्षकों द्वारा भरी जाने वाली वार्षिक आत्म निष्पादन एवं मूल्यांकन रिपोर्ट न भरने का निर्णय लिया है। स्कूल लेक्चरर्स पदनाम के स्थान पर पीजीटी पदनाम दिए जाने से नाराज हैं।
हसला के जिला प्रधान रामवीर शर्मा की अध्यक्षता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, बल्लभगढ़ में जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने उक्त वार्षिक रिपोर्ट में स्कूल प्राध्यापकों के लिए कोई प्रोफॉर्मा नहीं दिया है। उन्हें पीजीटी प्रोफॉर्मा भरने के लिए बाध्य किया जा रहा है। प्रदेश के शिक्षा विभाग में प्रदेश में करीब बारह हजार राजपत्रित अधिकारी के तौर पर स्कूल प्राध्यापक सेवारत हैं, किंतु प्रदेश सरकार उन्हें पीजीटी बनाने पर उतारू है। इतना ही नहीं संगठन की मांग है कि नवचयनित पीजीटी प्राध्यापकों का पदनाम भी स्कूल लेक्चरर किया जाए। लंबित मांगों को पूरा करने की बजाय कोरे आश्वासन दिए जा रहे हैं। वहीं स्कूल प्राध्यापकों को पीजीटी बनाने का षडयंत्र रचा जा रहा है। शर्मा ने कहा कि 28 नवंबर को प्रदेश सरकार की शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन की देख-रेख में संगठन की 5400 पे-ग्रेड सहित पदोन्नति तथा पदनाम से जुड़ी सभी संबंधित मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। यदि सरकार ने संगठन की सभी मांगें शीघ्र नहीं मानीं, तो हसला के बैनर तले प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। db
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