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Tuesday, 8 July 2014

विभाग के फार्मूले से पढ़ाना होगा बच्चों को

** नई योजना : शिक्षा विभाग ने अध्यापकों को थमाई शिक्षक सेतु नामक पुस्तक, ट्रेनिंग भी दी 
सरकारीस्कूलों में टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए एक ही फार्मूला अपनाएंगे। इस संबंध में विभाग ने शिक्षक सेतू नाम से एक बुक जारी की है जिसमें कक्षा में पढ़ाने के तरीके के साथ-साथ विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई है। योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभाग ने सभी टीचरों को ट्रेनिंग भी दी है। विभाग का मानना है कि अन्य जिलों में माइग्रेशन के आधार पर जाने वाले बच्चों को किसी भी विषय के सवालों को समझने में परेशानी नहीं होगी। 
आमतौर पर बच्चों की शिकायत रहती थी कि समय पर सिलेबस होने या फिर टीचर के पढ़ाने का तरीका ठीक नहीं था, जिस कारण स्कूल का रिजल्ट बेहतर नहीं आया। इस तरह की शिकायतों पर विराम लगाने के लिए विभाग ने एक योजना बनाई है। जिसके तहत शिक्षक सेतु नामक पुस्तक तैयार कराई है। इसमें प्रत्येक विषय के टीचर को लेकर गाइड लाइन जारी की गई है। विषय को लेकर कुछ फार्मूले भी दिए गए हैं। इन फार्मूले के आधार पर ही टीचरों को कक्षा में बच्चों को सिलेबस कराना होगा। बुक में वर्ष भर पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम की रूपरेखा पढ़ाने के तरीके भी बताए गए हैं। ताकि सभी विषयक्रम को पढ़ाने में एकरूपता लाई जा सके। इस कार्यक्रम का सबसे ज्यादा फायदा उन बच्चों को होगा, जो माइग्रेशन के बाद अन्य जिलों में पढ़ने के लिए चले जाते हैं। प्रदेश भर में पढ़ाने का तरीका एक जैसा होने और बुक के अनुसार सिलेबस कराने के कारण अन्य बच्चों से पिछड़ने का चांस काफी कम होगा।
अभिभावकों से चर्चा भी जरूरी 
अध्यापकोंको छात्रों के प्रदर्शन के बारे में अभिभावकों से भी चर्चा करनी होगी, ताकि परिवार के सहयोग से छात्र की समस्याओं का समाधान किया जा सके। वार्षिक स्कूल योजना के अनुसार वार्षिक त्यौहार राष्ट्रीय कार्यक्रम मनाने में समुदाय के लोगों को आमंत्रित करना आदि कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। 
स्कूल प्रिंसिपल को प्रतिदिन देनी होगी रिपोर्ट
कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए विभाग द्वारा सभी टीचरों को 15 दिन की ट्रेनिंग भी दी गई है। इस दौरान टीचरों को योजना के बारे में जानकारी दी गई। टीचरों को एक डायरी तैयार करनी होगी जिसमें साप्ताहिक कार्यक्रम लिखना होगा। यह डायरी प्रति सप्ताह स्कूल प्राचार्य द्वारा चेक की जाएगी। यदि कोई टीचर डायरी तैयार नहीं करेगा, प्राचार्य उसकी रिपोर्ट विभाग को करेगा। 
रखनी होगी जानकारी 
अध्यापकोंको शिक्षक सेतु को ध्यान में रखकर पढ़ाई करानी होगी जिसमें शैक्षिक कौशल, कक्षा प्रबंधन, रचनात्मकता, अतिरिक्त शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में ध्यान रखना होगा। सीखने के स्तर पर ध्यान देना, विषय पर पकड़ उसका नवीनतम ज्ञान, छात्रों को सुचारू रूप से विषय का ज्ञान प्रदान करना होगा।                                          dbgohana

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