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Sunday, 13 July 2014

स्कूलों में आईसीटी पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी

** एनसीईआरटी ने प्रयोग के तौर पर नवोदय विद्यालयों में की शुरुआत
** छात्रों के फीडबैक के बाद पाठ्यक्रम में सुधार की जरूरतों का पता चलेगा
नई दिल्ली : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के पाठ्यक्रम को स्टूडेंट और टीचर फ्रैंडली बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एनसीईआरटी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों में आईसीटी पाठ्यक्रम को लागू किया है। साल भर तक एनसीईआरटी को नवोदय विद्यालयों के जरिए लगातार फीडबैक मिलता रहेगा। फीडबैक के जरिए एनसीईआरटी को इस पाठ्यक्रम को स्टूडेंट व टीचर फ्रैंडली बनाने में मदद मिलेगी।
बीते साल अगस्त में एनसीईआरटी के विंग केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) ने पहली बार देशभर के स्कूलों के लिए आईसीटी पाठ्यक्रम तैयार किया था। इससे पहले देश भर में आईसीटी की पढ़ाई के लिए कोई भी पाठ्यक्रम नहीं था। अब इसको लागू करने के लिए एनसीईआरटी ने देश के सभी जवाहर नवोदय विद्यालयों को चुना है। सीआईईटी के संयुक्त निदेशक प्रो. राजाराम शर्मा ने बताया कि छठवीं से ऊपर की कक्षाओं के लिए आईसीटी पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है। प्रायोग के तौर पर इसकी शुरुआत देशभर के सभी 588 नवोदय विद्यालयों से की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसे डीवीडी रूप में स्कूलों को दिया गया है। जैसे ही छात्र इससे संबंधित प्रयोग करेंगे, वैसे ही एनसीईआरटी को फीडबैक मिलना शुरू हो जाएगा। इस फीडबैक के आधार पर विश्लेषण किया जाएगा कि यह छात्र और शिक्षकों के स्तर के अनुरूप है या नहीं। 
इस पाठ्यक्रम के लिए कुछ मेंटर भी तैयार किए गए हैं, जिन्हें 10 से 15 स्कूल बांट दिए जाएंगे। अगर आईसीटी को पढ़ाने में किसी तरह की परेशानी होगी तो उसके संबंध में स्कूल शिक्षक इन मेंटर से जानकारी ले सकेंगे। इस तरह से उन्हें शिक्षकों से भी फीडबैक मिलना शुरू हो जाएगा। इससे एनसीईआरटी को पता चलेगा कि पाठ्यक्रम में कहां किस स्तर के सुधार की आवश्यकता है। इस प्रयोग के सफल होने पर इसे अन्य स्कूलों में भी लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे।
एनसीईआरटी का मानना है कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी जिस तरह से दिनचर्या में शामिल हो रही है, उसके कारण यह अनिवार्य है कि छात्र कौशल विकास के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग करने में सक्षम हो जाए। सूचना-प्रौद्योगिकी में दिन-प्रतिदिन नए अपडेट होते हैं, लिहाजा फीडबैक के आधार पर पाठ्यक्रम भी अपडेट किया जाता रहेगा।            au

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