नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के बुद्धिस्ट विभाग में पिछले साल तैनात किए गए असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति दिल्ली हाईकोर्ट ने रद कर दी है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर की खंडपीठ ने इस मामले में डीयू के चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की याचिका पर सुनवाई करते हुए डीयू को निर्देश दिया है कि वह दो महीने में नियुक्ति की प्रक्रिया को फिर से पूरा करे।
खंडपीठ ने कहा है कि पूर्व में नियुक्ति करते समय नियमों का ठीक से पालन नहीं किया गया। इसलिए जुलाई 2013 में हुई इन नियुक्तियों को रद किया जाता है। अदालत ने कहा कि जो असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हो चुके हैं, वो फिलहाल नए सिरे से प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ाते रहें ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। परंतु वह इस आधार पर कोई नौकरी नहीं मांग सकते हैं। इस पद के लिए उनके आवेदनों पर नए सिरे से विचार किया जाएगा। 1इस मामले में डॉक्टर वीना गौर व तीन असिस्टेंट प्रोफेसरों ने यह कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, वह डीयू के बुद्धिस्ट विभाग में एड-हॉक पर पढ़ा चुके हैं।
उनकी शिक्षा व अनुभव ज्यादा है लेकिन फिर भी उनको स्थायी नियुक्ति नहीं दी गई, क्योंकि उनके ग्रेजुएशन में पचास फीसद अंक नहीं थे। 11 जनवरी 2012 को पचास पदों के लिए डीयू ने विज्ञापन निकाला था। उन्होंने भी आवेदन किया था, परंतु अनुभव व शिक्षा होने के बाद भी उनको नहीं रखा गया। इन नियुक्ति के समय डीयू ने नियमों का ठीक से पालन नहीं किया। dj
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