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Wednesday, 9 July 2014

जब तक पद नाम लेक्चरर नहीं किया जाता, एपीएआर जमा नहीं कराएंगे


जींद : हरियाणा स्कूल लेक्चरर के जिला प्रधान राजबीर रेढू की अध्यक्षता में जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई वार्षिक निष्पादक मूल्यांकन रिपोर्ट विद्यालय मुखियों द्वारा मांगी जा रही है, हसला अपने पूर्व स्टैंड पर कायम है, जब तक पद नाम लेक्चरर नहीं किया जाता, एपीएआर जमा नहीं कराएंगे। हसला ने प्राथमिक शिक्षक संघ के चल रहे आमरण अनशन का नैतिक समर्थन दिया। 
जिला हसला प्रधान राजबीर रेढू ने कहा कि शिक्षा विभाग हर पहलू पर स्कूल लेक्चरर को हाशिये पर रखना चाहता है। अभी चार जुलाई को एपीआर जिसमें लेक्चरर शब्द का इस्तेमाल करके प्राध्यापकों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है। शिक्षा विभाग प्राध्यापकों की मनस्थिति समझ पाने में सक्षम नहीं है। प्रोफार्मा को तैयार करने में प्राध्यापकों को विश्वास में नहीं लिया गया और ही इसको चैक किया गया। ऐसे में प्राध्यापकों से रोष पनपना स्वाभाविक है। 
दूसरी तरफ हसला वेतन विसंगति को लेकर लंबे समय से संघर्षरत है, उसको दूर नहीं किया जा रहा। प्राचार्य के पद पर न्यायोचित पदोन्नति कर तुगलकी फरमानों से जले पर नमक छिड़कने का काम किया जा रहा है। चार वर्ष की सेवा उपरांत हैड मास्टर को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किया जाता है, जबकि 22 वर्ष की सेवा उपरांत स्कूल प्राध्यापक को पदोन्नत नहीं किया जाता प्राध्यापक पद से ही सेवानिवृत्त होना पड़ता है। स्कूल प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची को आज तक दुरुस्त नहीं किया एक दशक से प्राध्यापकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति नहीं दी जा रही।                           db

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