रेवाड़ी : बिठवाना के राजकीय स्कूल में फीस माफी के बावजूद भी विद्यार्थियों से बोर्ड एग्जाम फीस वसूले जाने का मामला सामने आया है। हालांकि अभिभावकों के विरोध के बाद स्कूल प्रशासन ने गलती मानी और परीक्षा फीस वापस लौटा दी।
राजकीय स्कूल में हरियाणा बोर्ड की दसवीं 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों से परीक्षा फीस ली जा रही थी। नियमानुसार 12वीं के बच्चों से परीक्षा फीस के 640 तथा मइग्रेशन के 50 रुपए तथा 10वीं के विद्यार्थियों से 500 रुपए फीस ली जानी है। जबकि एग्जाम फीस एससी बीसी के विद्यार्थियों के लिए पूरी तरह माफ है। बावजूद इसके स्कूल की ओर से सभी बच्चों से पूरी फीस लाने के आदेश जारी कर दिए। काफी बच्चों ने फीस जमा भी करा दी, लेकिन कुछ अभिभावकों ने जब फीस के लिए स्लिप मांगी तो स्कूल की ओर से मना कर दिया गया। मामला तूल पकड़ता देख स्कूल प्रशासन ने विद्यार्थियों की फीस लौटानी शुरू कर दी। वहीं गांव के ही सतबीर ने बताया कि उसका बच्चा 10वीं में पढ़ता है। उसने 550 रुपए जमा किए, जब स्लिप मांगी तो 500 रुपए लौटा दिए गए। 50 रुपए काटे जाने पर स्कूल की ओर से बाहर फार्म भरे जाने पर नेट अन्य चार्ज का हवाला दिया जा रहा है।
मिस प्रिंट से हुई गलतफहमी: मुख्याध्यापक
स्कूल मुख्याध्यापक रामनिवास का कहना है कि यह महज गलतफहमी के कारण हुआ है। बोर्ड के निर्देशों में मिस प्रिंट के कारण कुछ भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस बारे में स्थिति क्लीयर होते ही बच्चों से ली गई फीस वापस लौटा दी गई है। जिन विद्यार्थियों से फीस ले ली गई है उन्हें वापस कर दी जाएगी। db
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