चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में तैनात कंप्यूटर शिक्षकों का शोषण करने वाली निजी कंपनियों पर कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग संजीदा नहीं दिख रहा है। करोड़ों रुपये डकार चुकी तीन कंपनियों को काली सूची में डालने के बजाए शिक्षा विभाग के अधिकारी कंप्यूटर शिक्षकों पर ही समझौते का दबाव बना रहे हैं। समझौता न करने की सूरत में शिक्षकों को गंभीर परिणाम भुगतने का डर भी दिखाया जा रहा है।
शिक्षक बीते 34 दिन से अपनी मांगें पूरी कराने के लिए नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रधानमंत्री कार्रवाई व मानव संसाधन विकास मंत्रलय का दखल भी शिक्षकों को अभी तक न्याय नहीं दिला पाया है। मुख्य सचिव व शिक्षा विभाग ने पीएमओ व मंत्रलय की ओर से भेजे गए पत्रों तक का जवाब नहीं दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शिक्षकों से कार्रवाई के लिए शनिवार तक का समय मांगा था, लेकिन वह भी प्रदेश सरकार के आगे असहाय दिख रही हैं। कंप्यूटर शिक्षक शनिवार को उनसे मिलने एक बार फिर शक्ति भवन पहुंचे थे। उनके स्टाफ ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री से बात कर मुलाकात का समय दिया है। कंप्यूटर शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष बलराम धीमान का कहना है कि राज्य सरकार का रवैया उनके प्रति गैर जिम्मेदाराना है।
मुख्यमंत्री हुड्डा से शुक्रवार शाम मुलाकात की गई थी, लेकिन उन्होंने दो टूक कह दिया कि पहले धरना खत्म करो, उसके बाद ही वार्ता होगी। धीमान ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी उन्हें सख्त कार्रवाई का डर दिखा कंपनियों से समझौता करने के लिए कह रहे हैं, जो उन्हें स्वीकार नहीं है। 2622 शिक्षकों का भविष्य दांव पर है। उन्होंने कहा कि वे सोमवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से मिलकर जल्द से जल्द कार्रवाई की गुहार लगाएंगे। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.