नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में फैले प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट्स को नियमों के दायरे में लाने की मांग पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने ये नोटिस स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की जनहित याचिका पर जारी किए हैं।
फेडरेशन के वकील सुभाष चंद्रन ने न्यायमूर्ति एचएल दत्तू के नेतृत्व वाली पीठ से प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के लिए नियम-कानून बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि इनसे शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कोचिंग इंस्टीट्यूट्स इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं में सफलता दिलाने के भ्रामक विज्ञापन देकर छात्रों को गुमराह करते हैं। याचिका में क्रिसिल की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा गया है कि 2014-15 में कोचिंग इंडस्ट्री का बिजनेस 75,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने की संभावना है। 1यह याचिका पिछले वर्ष दाखिल हुई थी, लेकिन कोर्ट ने उस समय नोटिस नहीं जारी किया था। कोर्ट ने तब कहा था कि वह पहले सरकार का पक्ष सुनेगा। मंगलवार को कोर्ट ने याचिका पर विचार का मन बनाते हुए केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किए। dj
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