चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अनुबंध पर कार्यरत गेस्ट टीचर्स की नियमित होने की आस लगभग टूट चुकी है। प्रदेश सरकार चाहकर भी गेस्ट टीचर्स को पक्का नहीं कर सकती, चूंकि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से हाईकोर्ट में दिया गया शपथ पत्र आड़े आ रहा है।1शिक्षा विभाग गेस्ट टीचर्स की नियुक्तियों को हाईकोर्ट में शपथ पत्र के जरिए बैक डोर एंट्री करार दे चुका है। ऐसे में अब सरकार के पास दो ही रास्ते हैं या तो चुनावी बेला में गेस्ट टीचर्स की नाराजगी मोल ले या फिर स्कूल शिक्षा विभाग हाईकोर्ट में दायर शपथ पत्र को वापस ले।
स्कूल शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त ने गेस्ट टीचर्स को स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें पात्र होने पर भी तीन वर्षीय नियमितीकरण नीति के तहत पक्का नहीं किया जा सकता। क्योंकि विभाग उनकी नियुक्तियों को अवैध ठहरा चुका है। हाईकोर्ट में यह भी शपथ पत्र दिया गया है कि नियमित शिक्षकों की भर्ती होते ही गेस्ट टीचर्स को हटा दिया जाएगा।
राजकीय अनुबंधित अध्यापक संघ के अध्यक्ष दिनेश यादव व भूपेंद्र सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन ने गेस्ट टीचर्स को पक्का करने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह कानून से बंधी हुई हैं। हाईकोर्ट में दिए शपथ पत्र का उल्लंघन कर अगर उन्हें पक्का करती हैं, तो जेल जाना पड़ेगा, जो वह नहीं चाहती। वित्तायुक्त ने यह भी कहा है कि बृहस्पतिवार तक मुख्य सचिव भी इस मामले में अपनी राय दे देंगी, उसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।
चौपट हो रही छात्रों की पढ़ाई
पक्की नौकरी के लिए सड़कों की धूल फांक रहे गेस्ट टीचर्स के आंदोलन से छात्रों का भविष्य भी दांव पर है। सितंबर महीने में स्कूली छात्रों की पहले समेस्टर की परीक्षाएं होनी हैं, और स्कूल में पढ़ाई हो नहीं रही। बुधवार से गेस्ट टीचर्स ने कक्षाओं का बहिष्कार शुरू कर दिया है और मांग पूरी होने तक जारी रहेगा। अगर आंदोलन लंबा चला तो छात्रों का भविष्य दांव पर लग सकता है। राजकीय अनुबंधित अध्यापक संघ के आंदोलन से पहले हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ भी जंतर-मंतर पर व प्रदेश में लंबा आंदोलन कर चुका है। उस समय भी लगभग एक सप्ताह तक कक्षाओं का पूर्ण बहिष्कार हुआ था। अब अनुबंधित अध्यापक संघ के पदाधिकारी दो महीने से पंचकूला में शिक्षा सदन के बाहर डेरा डाले हुए हैं। dj
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