** शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने कहा, शिक्षा में गुणवत्ता लाने को चल रहे हैं प्रयास
रोहतक : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अगले सत्र से 200 स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा जाएगा। इसके लिए चयन प्रक्रिया चल रही है। यह बात शनिवार को एमडीयू के टैगोर सभागार में आयोजित कक्षा तत्परता कार्यक्रम के दौरान स्कूल शिक्षा के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने कही।
गुप्ता ने कहा कि अभी प्रदेश के अधिकतर स्कूल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से जुड़े हैं, लेकिन अब गुणवत्ता लाने के लिए इनमें से 200 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबंध किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए 2016-17 के शिक्षा सत्र को लक्ष्य बनाया है। यह मान्यता प्रदेश के उन स्कूलों को दिलाई जाएगी जिनका परफार्मेंस अव्वल होगा। इसके लिए विभाग के द्वारा सर्वे किया जाएगा और सर्वे के आधार पर स्कूलों के नाम चयनित होंगे। बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में शामिल करना चाहते हैं इसलिए हमने ऐसी योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 36 हजार रिक्त पदों पर शीघ्र ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इस वर्ष 7 हजार शिक्षकों को प्रमोशन भी मिलेगा।
80 करोड़ नहीं मिलने से अटके 1023 कार्य :
एक महिला अधिकारी ने बताया कि 36 आरोही स्कूलों में विद्यार्थियों को बेसिक सुविधा नहीं मिल पाई है। यहां तक कि एससी-बीसी के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप फंड और ही सुविधा मिल रही है। टीसी गुप्ता ने बताया कि इस साल समस्याओं का समाधान करवा दिया जाएगा। सरकारी स्कूलों में 1023 काम फंड आने के कारण पूरा नहीं हो सके।
पाठ्यक्रम में गीता शामिल करना विचाराधीन :
सरकारी स्कूलों में प्रति वर्ष सतत मूल्यांकन टेस्ट लिया जाएगा। अभी पाठ्यक्रम में 'गीता' को शामिल करने का मामला विचाराधीन है। प्रदेश के 1026 स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था होगी। यह काम 30 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। जो स्कूल मंदिर या धर्मशाला में चल रहे हैं, उनके लिए स्थायी जमीन या भवन की व्यवस्था करवाने के लिए निर्देश दिए हैं।
आधार कार्ड नहीं तो भी होगा दाखिला : टीसी गुप्ता
बच्चों के दाखिला फार्म के साथ इस बार आधार कार्ड जमा करवाया जा रहा है, जबकि कोर्ट के आदेश हैं कि आधार कार्ड के बिना कोई काम नहीं रुकना चाहिए?
-शिक्षा विभाग के द्वारा बच्चों को ऐसी बहुत सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, जिनमें उनके बैंक एकाउंट समेत आधार कार्ड की जरूरत होती है। इस संबंध में विभाग के द्वारा लगभग हर मंडल में 70 प्रतिशत बच्चों का आधार कार्ड बनाया जा चुका है। लेकिन शिक्षा विभाग ने ऐसी शर्त नहीं रखी है कि आधार कार्ड होने की स्थिति में बच्चे का दाखिला रोका जाएगा।शिक्षा सत्र 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है लेकिन शिक्षा विभाग अब तक 134-ए के तहत प्राइवेट स्कूलों से विद्यार्थियों की संख्या की रिपोर्ट हासिल करने में विफल साबित हो रहा है, मुफ्त दाखिला देने की नामांकन प्रक्रिया में देरी होगी?
-इस संबंध में मैंने मंडल स्तर पर सभी शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द प्राइवेट स्कूलों से यह रिपोर्ट हासिल करें और जो स्कूल यह रिपोर्ट समय पर शिक्षा विभाग को नहीं सौंपता उसकी सूचना हमें दें, विभागीय कार्रवाई करते हुए तत्काल उन स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
शिक्षा विभाग के सामने बच्चों के ड्रॉप आउट होने की समस्या बहुत ही गंभीर है?
-बच्चों को एनएसएस, स्काउट और एनसीसी के माध्यम से क्षमतावान बनाने का प्रयास किया जाता रहा है। db
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