हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के एक निर्णय से प्रदेश के सैकड़ों विद्यार्थी व उनके अभिभावक परेशान हैं और उन्हें अपना एक वर्ष खराब होता दिखाई दे रहा है। ऐसे विद्यार्थियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह बोर्ड के नियम से विद्यार्थियों को छूट प्रदान करवायेंगे।
शिक्षा बोर्ड के नियम मुताबिक दसवीं कक्षा के बोर्ड के लिए विद्यार्थियों को नौवीं कक्षा के दौरान एनरोलमेंट नंबर के लिए बोर्ड को अप्लाई करना होता है। ऐसे हजारों विद्यार्थियों ने इसी अवधि के दौरान बोर्ड को एनरोलमेंट नंबर के लिए अप्लाई किया था। लेकिन बोर्ड की वेबसाइट में डाले गये प्रदेश के हजारों एनरोलमेंट नंबर रिजेक्ट कर दिये गये, जिनकी जन्म तिथि 2002 के बाद की थी। प्रदेशभर के अन्य जिलों की तरह यमुनानगर जिला में भी ऐसे सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा विभाग के कार्यालयों में चक्कर लगाकर थक चुके हैं।
विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी चिंतित है। उनका कहना है कि अगर बोर्ड ने नियम में छूट नहीं दी तो उनके बच्चों का एक साल बर्बाद हो जायेगा।
नियम पहले बताते :
प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को भेजे पत्रों में विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों ने मांग की है कि नियम में छूट देकर बच्चों का एक वर्ष खराब होने से बचाया जाये। इन विद्यार्थियों ने हरियाणा के अलग-अलग सरकारी व प्राईवेट स्कूलों से आठवीं व नौवीं की कक्षाएं पास की हैं।
विद्यार्थियों व अभिभावकों का कहना है कि जब उन्होंने लगातार आठ से नौ वर्षों से सरकारी व प्राईवेट स्कूलों में पढ़ाई की है तब उन्हें इस तरह का कोई नियम नहीं बताया गया। अब जब उनके बच्चे दसवीं कक्षा में पहुंच रहे हैं तो उन्हें बोर्ड नियम बताकर परेशानी में डाल दिया है।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी उदय प्रताप सिंह का कहना है कि इस तरह के मामले उनके पास भी आ रहे हैं क्योंकि यह बोर्ड का निर्णय है इसलिए उनके पास कोई अधिकार नहीं है। ऐसे मामलों को वह शिक्षा बोर्ड के पास आगामी कार्यवाही हेतू भेज रहे हैं। स्कूलों से भी रिपोर्ट मंगवाई गयी है ताकि पता चल सके कि कितने बच्चे पूरे जिले में हैं, जो इस नियम से प्रभावित हो रहे हैं। dtymngr
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