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Saturday, 11 April 2015

12वीं में दो प्रवेश, साल होगा बर्बाद

** राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक मायण की दो छात्राओं ने सीएम विंडो में भेजा पत्र 
कुंड : गांव मायण स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की दो छात्राओं ने सीएम विंडो पर पत्र भेजकर रि-अपीयर देरी से क्लियर होने के कारण आई समस्या को दूर कर 12वीं में प्रवेश की मांग की है। उन्होंने कहा कि 10वीं कक्षा में आया रि-अपीयर दो बार बोर्ड द्वारा दिए गए अवसरों में भी क्लियर नहीं होने के उन्होंने ओपन से किया था, मगर उन्हें दोबारा से 11वीं में ही प्रवेश दिया जा रहा है। जबकि 11वीं कक्षा की परीक्षा निर्धारित फीस भी वे दे चुकी हैं। 
सीएम विंडो में भेजे गए पत्र में खालेटा निवासी छात्रा सोनू पुत्र पूरणमल तथा मायण निवासी ज्योति पुत्री मामराजा ने बताया कि सन 2012-13 में उन्होंने इस स्कूल से 10वी की बोर्ड परीक्षा दी थी, जिसमें उनके गणित विज्ञान में रि-अपीयर आया था। उन्होंने अक्टूबर 2013 मार्च 2014 में 640-640 रुपए बोर्ड फीस भरकर रि-अपीयर की परीक्षा दी, परन्तु दोनों ही बार वे रि-अपीयर को क्लियर करने में असफल रही। इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2014 में ओपन सीटीपी के तहत फीस भरकर परीक्षा दी तथा परीक्षा में वे सफल रहीं। छात्राओं ने बताया कि जब उन्होंने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है तथा 11वीं कक्षा की निर्धारित फीस परीक्षा दे चुकी हैं, तो उन्हें अब आगे 12वीं कक्षा में नियमित रूप से दाखिला क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो जहां केन्द्र प्रदेश सरकार बेटियों की शिक्षा-दीक्षा पर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर रही हैं। वहीं 11वीं कक्षा की परीक्षा देने के बाद भी उन्हे नियमित रूप से 12वीं कक्षा में दाखिला लेने से वंचित किया जा रहा हैं। उन्होंने सीएम से इस बारे में आवश्यक कदम उठाते हुए उन्हें 12वीं कक्षा में दाखिला दिलाए जाने की मांग की है, ताकि वे आगे की पढ़ाई सकारात्मक रूप से जारी रख सकें तथा उनका एक साल बर्बाद होने से बच जाए। 
छात्राओं का समय पर रि-अपीयर क्लियर होना समस्या : खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी 
खोल खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी डॉ. खुशीराम यादव ने बताया कि नियमानुसार किसी भी बोर्ड की कक्षा में विद्यार्थी रि-अपीयर दो बार में क्लियर नहीं कर पाता है तो उसे वापस उसी कक्षा में भेज दिया जाता है। इस मामले में ऐसा ही हुआ है। 10वीं कक्षा में रि-अपीयर आने के बाद विद्यार्थी को अगली कक्षा में प्रोविजनल तौर पर दाखिला भी दे दिया जाता है और परीक्षा भी दिला दी जाती है, परन्तु दो अवसरों में यानि समय पर अगर विद्यार्थी रि-अपीयर की परीक्षा में पास नहीं हो पाता है तो अगली कक्षा की परीक्षा भी अपने आप निरस्त हो जाती है। ओपन से जो कक्षा उत्तीर्ण की है उससे अगली कक्षा में ही दाखिला मिलता है।                                                              dbrwd

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