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Saturday, 4 April 2015

निजी स्कूलों की नहीं चलेगी मनमर्जी, फीस का ब्यौरा नोटिस बोर्ड पर लगाना अनिवार्य

** शिक्षा विभाग ने दिए सभी निजी स्कूलों को आदेश 
शहजादपुर : निजी स्कूल संचालक अब अपनी मनमर्जी कर एडमिशन फीस हर साल नहीं ले सकेंगे। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल संचालकों को जो आदेश दिए हैं, उसके अनुसार अब नए एडमिशन पर ही निजी स्कूल संचालकों को स्कूल फीस का पूरा ब्यौरा एक नोटिस बोर्ड पर लगाना अनिवार्य कर दिया है। जिससे बच्चों उनके अभिभावक जागरूक हो सके। निजी स्कूल संचालक हर साल बच्चों से एडमिशन फीस वसूलते है, लेकिन विभाग के नियमों के हिसाब से बच्चों से एक ही बार एडमिशन फीस ली जा सकती है। उसके बाद स्कूल संचालक बच्चों से सिर्फ हर माह फीस ले सकते हैं। लेकिन हर बार निजी स्कूल अपनी मनमर्जी कर एडमिशन फीस वसूलते हैं जिससे बच्चों के अभिभावकों को भारी-भरकम फीस भरकर बच्चों को शिक्षा दिलवानी पड़ रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि अगर निजी स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों के खिलाफ बच्चों से ज्यादा एडमिशन फीस वसूलता है तो नियमानुसार अनुसार कार्रवाई की जाएगी। 
बीईओ नारायणगढ़ रजनीश शर्मा ने बताया कि निजी स्कूल संचालक पहली, पांचवीं, नौवीं और 11वीं फीस चार्ज में दाखिल लेने वाले बच्चों से एडमिशन फीस ले सकते हैं। अगर बच्चा उसी स्कूल में पढ़ रहा है तो दूसरी, तीसरी, चौथी, सांत वी, आठवीं, दसवीं 12वीं कक्षा में दाखिला लेने वाले बच्चों से एडमिशन फीस नहीं वसूल सकते। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार इस बार भी निजी स्कूलों में नियम 134 एक्ट के तहत एडमिशन करेंगे। इस नियम के तहत निजी स्कूलों द्वारा गरीब बच्चों को 10 प्रतिशत सीटों पर निशुल्क शिक्षा देनी होगी। इसके साथ ही विभाग द्वारा 10 प्रतिशत लाभांवित बच्चों की सूची भी मांगी गई है। इस सूची में शामिल सभी बच्चों का रिकार्ड भी विभाग जांच सकता है। 
एक कक्षा में होंगे 40 बच्चे 
खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि निजी स्कूल संचालक एक कक्षा में 40 से ज्यादा बच्चे पढ़ाते हैं। इसलिए शिक्षा विभाग में आदेश जारी कर दिया है कि अगर 40 से ज्यादा एक कक्षा में बच्चे तो उस कक्षा का अलग सेक्शन बना दिया जाएं। एक कक्षा में 40 से ज्यादा बच्चों को पढ़ाया तो स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी। 
जमा कराना होगा फार्म-6 
विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी स्कूलों को फार्म संख्या-6 भरकर जमा करानी होगी। स्कूल प्रबंधन काे विवरण फार्म में भरना होगा। इसके लिए सभी स्कूलों को आदेश जारी कर नोटिस फार्म जमा कराने के लिए आदेश दिए गए हैं। अगर कोई निजी स्कूल विभाग के आदेश की अवहेलना करता है तो इस पर कार्रवाई भी की जा सकती है 
नहीं होगा अतिरिक्त चार्ज 
निजी स्कूलों द्वारा बच्चों के स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर क्लास, एक्टीविटी फीस पर अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जा सकता। जिसके साथ स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस की रसीद अभिभावकों को देनी होगी। इसके अलावा हर स्कूल फीस का विवरण सूचना पट्ट पर चिपकाना अनिवार्य है। स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकों पर भी रोक लगाई गई है। 
हर साल नहीं ले सकते एडमिशन फीस : डीईओ 
डीईओ अम्बाला रघुबीर कादियान का कहना है कि शिक्षा विभाग के नियमानुसार पहली, छठीं, नौवीं 11वीं से एडमिशन फीस ले सकते हैं और यही नियम निजी स्कूलों पर भी लागू होते हैं। अगर कोई प्राइवेट स्कूल हर साल बच्चों से एडमिशन फीस ले रहा है तो ये नियमों के खिलाफ है। जब 134 एक्ट के बारे में उन्होंने बताया कि इसका प्रफोर्मा बीईओ नारायणगढ़ शहजादपुर को दे दिया है और 20 तारीख तक बच्चों के अभिभावकों से भरवा दिए जाएंगे। कमेटी गठित कर 10 प्रतिशत बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।                                                             db

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