भिवानी : शिक्षा विभाग की प्रणाली का भी क्या कहना, अाए दिन कोई कोई परेशान रहता है। मास्टर, लेक्चरर के पद पाने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एचटेट परीक्षा लागू कर रखी है। अंग्रेजी, गणित, हिंदी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान विषय से संबंधित एचटेट की परीक्षा देने वालों से विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। लेकिन शारीरिक शिक्षा विषय का एचटेट पेपर देने वालों से विषय से संबंधित एक भी प्रश्न नहीं पूछा जाता। शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ अब इसके विरोध में उतर आया है और संघ के पदाधिकारियों ने मंगलवार को बोर्ड सचिव से मिलकर समस्या से अवगत कराया।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश ढांडा ने बताया कि बोर्ड द्वारा कक्षा नौंवी से लेकर 12 वीं कक्षा तक की शारीरिक शिक्षा विषय का तो कोई पाठ्यक्रम बनाया गया है, ही कोई पुस्तक लगाई गई है। इससे प्राइवेट प्रकाशक पुस्तक को अपने मनमर्जी दामों पर बेचते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बोर्ड की 10वीं कक्षा में 1.70 लाख 12वीं कक्षा में 90,000 विद्यार्थियों ने शारीरिक शिक्षा विषय की परीक्षा दी है। बोर्ड ने जहां विषय पुस्तक लागू नहीं कि तो वहीं 60 नंबर की प्रैक्टिकल को पिछले चार साल से 20 नंबर का कर दिया। इसक जिला स्तर राज्य स्तर की खेल स्पर्धाओं में पहला, दूसरा तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दो प्रतिशत अंक दिए जाते थे, जिनका अब ग्रेड बना दिया गया जो गलत है। इतना ही नहीं बोर्ड द्वारा पीटीआई की मार्किंग ड्यूटी तो 12वीं कक्षा डीपीई की ड्यूटी 10वीं कक्षा में लगा दी जाती है। इससे मूल्यांकन करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
संघ ने बोर्ड सचिव से मांग की है की शारीरिक शिक्षा विषय की एचटेट परीक्षा में विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाएं, नौवीं से 12वीं कक्षाओं में बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम बनाया जाए, प्रैक्टिकल के नंबर दोबारा से 60 किए जाएं, 10वीं 12वीं का कक्षा का बोर्ड का प्रश्न पत्र डीपीई पीटीआई से तैयार करवाना चाहिए, 12वीं कक्षा में विज्ञान संकाय पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए शारीरिक शिक्षा विषय ऐच्छिक विषय के रूप में लेने का प्रावधान किया जाए। db
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