** सामूहिक कक्षा स्तर पर बच्चों की विभिन्न प्रतियोगिताएं होंगी, पाठ्यक्रम रुचिकर होने से विद्यार्थियों की भी बनी रहेगी रुचि
अब बच्चे पढ़ाई से बोर नहीं होंगे। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें सिलेबस से जुड़ी बाहरी गतिविधियों से भी रूबरू कराया जाएगा। इसके लिए सभी स्कूलों में सीआरपी यानि क्लास रेडिनेस प्रोग्राम को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग का मानना है कि इस प्रोग्राम के बढ़ने से बच्चे पढ़ाई से बोर नहीं होंगे और खेल-खेल में उनका सिलेबस पूरा हो जाएगा। एक अप्रैल से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र में शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। दरअसल, शैक्षणिक सत्र के शुरुआती माह में बच्चों को क्लास रेडिनेस प्रोग्राम के तहत बच्चों को रुचिकर गतिविधियां कराई जाती हैं। पिछले वर्ष भी यह गतिविधियां हुई थीं, लेकिन इस बार विभाग ने इनमें बदलाव किया है। शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि इस बार पाठ्यक्रम पर आधारित गतिविधियां कराई जाएंगी। यानि बच्चों खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। इनमें सामूहिक कक्षा स्तर पर बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताएं होंगी, जो उनके सिलेबस को भी पूरा करेगी।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बच्चों की ड्रॉप आउट की संख्या कम रहेगी, वहीं बच्चों की पढ़ाई की तरफ रुचि बढ़ेगी। इससे बच्चे आसानी से पाठ्यक्रम को समझ सकेंगे। खेल-खेल में सीखकर उनका परीक्षण भी इसी तरीके से किया जाएगा। इससे उनमें स्पर्धा की स्वच्छ भावना का भी निर्माण होगा।
कक्षा में बच्चों को रुचिकर गतिविधियां कराई जाएंगी
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार सीआरपी कार्यक्रम फिलहाल विशेष तौर पर 22 मई तक चलेगा। इस अवधि में बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ अनुशासन और शिक्षा का स्तर भी समझाया जाएगा। गर्मियों की छुट्टी के बाद यह प्रोग्राम पूरे वर्ष लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस तरह होगा पूरे वर्ष की पढ़ाई का शेड्यूल
फिलहाल में एक अप्रैल से 22 मई तक सीआरपी कार्यक्रम चलेगा। इसके बाद 31 मई तक बच्चों का सिलेबस कराया जाएगा। एक जून से 30 जून तक स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां होंगी। एक जुलाई को स्कूल खुलने के बाद लगातार पढ़ाई चलेगी। 15 सितंबर के आसपास प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हो जाएगी और फिर मार्च माह में द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा होंगी।
22 मई तक विशेष तौर पर चलेंगी गतिविधियां
"इसबार सीआरपी की गतिविधियां 22 मई तक विशेष तौर पर चलेंगी और बाद में इसे वर्षभर जारी रखा जाएगा। यह गतिविधियां भी पढ़ाई का हिस्सा होंगी। इसलिए सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।''-- बलजीतसिंह सहरावत, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी dbhsr
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