चंडीगढ़ : नियुक्ति का इंतजार कर रहे शिक्षा विभाग में चयनित 9455 जेबीटी को फिलहाल नौकरी पाने के लिए इंतजार करना होगा। सरकार की तरफ से शुक्रवार को कोर्ट में कहा गया कि रिपोर्ट आने में समय लग रहा है और सरकार जल्द इस नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करना चाहती है।
ऐसे में हाईकोर्ट सरकार को अनुमति दे कि वे नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू कर सके। जस्टिस दीपक सिब्बल ने इस मांग को फिलहाल स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि पहले सच और झूठ का फैसला हो जाने दें। यदि रिपोर्ट में खामियां पाई गई तो फिर शिक्षकों को नौकरी से कैसे हटा देंगे। कोर्ट ने मंगलवार के लिए मामले पर सुनवाई तय की है।
शुक्रवार को सुनवाई शुरू होते ही हाईकोर्ट ने सीएफएसएल के डायरेक्टर से उनकी रिपोर्ट के बारे में पूछा। रिपोर्ट में खामियां होने की बात कहते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आदेशों के अनुरूप इस रिपोर्ट को तैयार क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उन्हें केवल एक सवाल का जवाब चाहिए कि जो हलफनामा कंप्यूटर प्रोग्रामर ने सौंपा था, क्या वो सही था और क्या जो तकनीकी गलती बताई गई थी वह संभव है। याची पक्ष की ओर से इस मामले में सौंपी गई रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा गया कि कई मुद्दों पर यह रिपोर्ट खामोश है। साथ ही इस रिपोर्ट में कई बातों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने इस पर डायरेक्टर को बुलाकर पूछा कि क्या उन्होंने सभी हार्ड डिस्क की जांच की है। इस पर डायरेक्टर ने बताया कि सात हार्ड डिस्क जांच के लिए दी गई थी और इनमें से पांच में वह सॉफ्टवेयर ही नहीं मिला जिसमें गलती होने की बात कही गई है। वहीं दो को खोलने में वे नाकाम रहे।
हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि सीएफएसएल को जो संसाधन चाहिए वे राज्य सरकार मुहैया करवाए, लेकिन इस बारे में स्पष्ट रिपोर्ट सामने आनी चाहिए ताकि न्याय किया जा सके। हाईकोर्ट ने सीएफएसएल लैब को मंगलवार तक का समय देते हुए कहा कि इस मामले में कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप वे रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं या नहीं यह स्पष्ट करें। मंगलवार को इस मामले में सीएफएसएल लैब अपना पक्ष रखेगी। db
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