कुरुक्षेत्र : प्रदेश में भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर का शिक्षा हब बनाने के सपने क्या दिखाए प्रदेश की जनता ने सत्ता की चाबी मनोहर लाल के हाथ में दे दी। 26 अक्टूबर को सरकार का एक वर्ष पूरा होने को है और घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक भी घोषणा पूरा नहीं कर पाई, वहीं सरकार की ओर से ऐसी कोई योजना भी नहीं दिखाई दे रही, जिससे शिक्षा और शिक्षक या फिर विद्यार्थी का भला होने की उम्मीद हो। अलबत्ता प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों की रीढ़ माने जाने वाले अतिथि अध्यापकों को बाहर का रास्ता जरूर दिखा दिया। इससे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य को भट्ठा बैठ गया।
26 अक्टूबर को प्रदेश में सत्तासीन मनोहर सरकार का एक वर्ष पूरा होने वाला है। सत्ता में आने से पूर्व भाजपा ने शिक्षा में बड़े-बड़े वायदे किए थे। चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने शिक्षा के जुड़ी 15 घोषणाएं की थी। इनमें से अगर देखा जाए तो एक भी घोषणा पूरी होना तो दूर उस पर कार्य भी शुरू नहीं कर पाई। शिक्षाविद और अन्य लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार को शिक्षा और शिक्षण संस्थानों के प्रति कोई ठोस योजना दिखाई नहीं दे रही, जिससे शिक्षा का भला हो सके।
स्कूलों से हट गए अतिथि अध्यापक
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेश शर्मा का कहना है कि इसे प्रदेश सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि कहें या फिर नाकामी की चुनावी घोषणा पत्र में शिक्षकों को नियमित करने और शिक्षा में सुधार करने का दम भरने वाली भाजपा ने सत्ता में आते ही मात्र आठ माह में प्रदेश भर से 3781 अतिथि अध्यापकों को बाहर कर दिया। इतने दिनों के बाद भी प्रदेश सरकार इनकी जगह न तो अन्य शिक्षकों की भर्ती कर पाई और न ही अन्य कोई व्यवस्था। जिससे स्कूलों में शिक्षा का स्तर बना रहे।
पूरे वर्ष में एक भी शिक्षक नहीं मिला स्कूलों को
प्रदेश सरकार को एक वर्ष पूरा हो चुका है और इस पूरे वर्ष में स्कूलों से शिक्षक हटाए तो गए हैं, लेकिन एक भी शिक्षक भर्ती नहीं हो पाया। पिछली सरकार के दौरान लगभग 15 हजार शिक्षकों की सूची जारी हुई थी। जिनमें से एक भी शिक्षक को प्रदेश सरकार नियुक्ति नहीं दे पाई। प्रदेश में सबसे बड़े स्तर पर जेबीटी शिक्षकों की भर्ती को भी सरकार नियुक्ति नहीं दे पाई। सरकार के पास अब उच्च न्यायालय में गिड़गिड़ाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
तुगलकी फरमानों का वर्ष
हरियाणा अध्यापक संघ के जिला महासचिव पवन मित्तल का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में यह वर्ष तुगलकी फरमानों के लिए जाना जाएगा। हर माह परीक्षा लेना और फिर उसका परीक्षा परिणाम ऑनलाइन करना, शिक्षकों की तबादला नीति और अन्य कई फरमान आए। जबकि स्कूलों में शिक्षकों की न तो कोई पदोन्नतियां हो पाई और अन्य कार्य। पवन मित्तल का कहना है कि सरकार ने दावे तो बड़े किए थे, लेकिन सुविधाओं के नाम पर स्कूलों में न तो पर्याप्त शिक्षक है और न ही फंड।
बिना कुलपति के विश्वविद्यालय का नहीं बढ़ा बजट
प्रदेश का सबसे बड़ा और पुराने विश्वविद्यालय का तमगा हासिल किए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति जगजाहिर है। सत्ता में आने से पूर्व भाजपा नेता इसका ठिकरा कांग्रेस पर फोड़ते रहे और दावा करते रहे कि सत्ता में आते ही पूरा बजट प्रदेश सरकार वहन करेगी। वहीं सत्ता में आने के बाद भी प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय के बजट को नहीं बढ़ाया जो पहले 25 प्रतिशत था वहीं रहा। उल्टा भाजपा सरकार छह माह तक विश्वविद्यालय को एक पैसा भी नहीं दे पाई। आर्थिक तंगी के कारण विश्वविद्यालय की कई योजनाएं अटकी पड़ी हैं। पिछले दो माह से कुवि में कुलपति का प्रभार आइएएस को दिया गया है।
छात्र संघ चुनाव की घोषणा मात्र छलावा
इनसो के राष्ट्रीय महासचिव जस¨वद्र खेरा का कहना है कि भाजपा ने प्रदेश में छात्र संघ चुनावों की घोषणा की थी, जिससे पूरा करना तो दूर अब योजना भी छलावा दिख रही है। प्रदेश में छात्र संघ चुनाव चाहते हैं, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार ने घोषणा को पूरा नहीं किया। विश्वविद्यालय में कर्मचारी और प्रशासन छात्रों के तंग कर रहा है। शिक्षा का स्तर गिर रहा है। छात्रों की समस्या उठाने वाला कोई संगठन नहीं बचा है। इनसो प्रदेश सरकार से कई बार छात्र संघ चुनावों की बहाली की मांग कर चुका है।
ये था भाजपा का घोषणा पत्र
प्रदेश में सत्ता में आने से पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में शिक्षा क्षेत्र में 16 घोषणाएं की थी।
1. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराए जाएंगे।
2. 10वीं व 12 वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए जाएंगे।
3. बजट में विशेष प्रावधान सहित शिक्षा प्रणाली में स्तर ऊंचा उठाकर इसे विश्वस्तरीय बनाया जाएगा।
4. सरकारी स्कूलों-कॉलेजों की शिक्षा का स्तर प्राईवेट स्कूल कॉलेजों के समकक्ष करने की ठोस योजना ततैयार की जाएगी।
5. सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों एवं कॉलेजों को सरकार द्वारा अपने अधिकार में लेकर संचालन किया जाएगा।
6. अतिथि अध्यापकों की सेवाओं को नियमानुसार नियमित किया जाएगा।
7. अर्न वाइल यू लर्न को व्यापक बनाकर शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाएगा।
8. मान्यता प्रदान करने की शर्तों का सरल कर सभी प्राइवेट स्कूलों को मान्यता प्रदान की जाएगी।
9. राज्य के सभी जिलों में वेटरनरी व लाइव स्टाक कोर्स शुरू किया जाएगा और प्रत्येक गांव में वीएलडीए लगाया जाएगा।
10. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रदेश में एक उच्च स्तरीय शिक्षा का केंद्र स्थापित किया जाएगा।
11. प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों के अनुरूप शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।
12. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की तर्ज पर प्रदेश में दो मेडिकल संस्थान खोले जाएंगे।
13. उत्तरी हरियाणा में पंचकुला या अंबाला में गुरु गो¨वद ¨सह विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
14. ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को सुरक्षा गार्ड युक्त निशुल्क जिला स्तरीय बस सेवा प्रदान की जाएगी।
15. शहरों में स्कूल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की छात्राओं के लिए बस पास फ्री में बनवाए जाएंगे। dj6:02pm
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