चंडीगढ़ : फर्जी तरीके से पात्रता परीक्षा पास करने व आरोप
में पुलिस कार्रवाई ङोल रहे टीचरों को राहत के लिए अब कोर्ट आने की जरूरत
नही पड़ेगी। सोमवार को हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक सिब्बल ने कई याचिका का एक
साथ निपटारा करते हुए इन टीचर का पक्ष सुनने के लिए जिला स्तर पर कमेटी
बनाने का आदेश दिया। देवेंद्र कुमार व अन्य टीचर जो एसएफएसएल की ं
हस्ताक्षर व अंगुठे की जांच में फेल पाए गये थे।
इस रिपोर्ट के आधार पर
शिक्षा विभाग ने इन टीचर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा कर इनको
चार्जशीट कर दिया था। इस चार्जशीट के खिलाफ इन टीचर ने हाईकोर्ट में याचिका
दायर कर एसएफएसएल की जांच को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान
याचिकाकर्ता के वकील विवेक खत्री ने बेंच को बताया कि कुछ टीचर जिनकी
हस्ताक्षर की स्याही फीकी थी इस कारण वो अंगुठे की जांच में फेल हो गए और
कुछ हस्ताक्षर भुलने या याद न रहने के कारण फर्जी घोषित कर दिए गए जबकि
ऐसा कुछ नही है, याचिकाकर्ता ने सही तरीके से परीक्षा पास की है। सही होने
के बाद भी उनके उपर पुलिस व विभाग की कार्रवाई ङोलनी पड़ रही हैं। खत्री का
पक्ष सुनने के बाद जस्टिस सिब्बल ने जिला स्तर पर मौलिक शिक्षा अधिकारी व
जिला न्यायवादी की एक कमेटी का गठन करने का निर्देश देते हुए कहा कि
प्रभावित टीचर इस कमेटी के सामने अपनी चार्जशीट का हर बिंदू वाइज उत्तर
देगा। कमेटी हर बिंदू पर प्रभावित टीचर का पक्ष सुन कर हर बिंदू पर एक तय
समय में यह निर्णय ले सकेगी कि क्या प्रभावित टीचर की चार्जशीट जारी रखी
जाये या उसे वापिस लिया जाए। dj
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