चंडीगढ़ : हरियाणा में नियमों को ताक पर रखकर गेस्ट टीचर्स भर्ती करने वाले शिक्षा अधिकारियों और प्रिंसिपलों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उन्हें पक्ष रखने को कहा गया है। गलत भर्ती करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई न करने पर अवमानना याचिका में यह जवाब हरियाणा सरकार ने मंगलवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल किया। जवाब रिकार्ड पर लेते हुए सुनवाई 9 जनवरी के लिए स्थगित कर दी गई है।
मामले के अनुसार गेस्ट टीचर भर्ती के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। आरोप था कि भर्ती के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों, प्रिंसिपलों और हेडमास्टरों की जिम्मेवारी तय की गई थी। इस दौरान कई चहेतों को भर्ती कर लिया गया, जबकि वह योग्य उम्मीदवार नहीं थे। हाईकोर्ट ने सरकार से भर्ती प्रक्रिया की जानकारी मांगी और नियमों से बाहर रखे गए गेस्ट टीचरों का ब्योरा मांगा था। जांच के बाद सरकार ने कहा था कि 719 गेस्ट टीचर्स ऐसे निकले, जो भर्ती के लिए योग्य नहीं थे।
हाईकोर्ट ने यह भी पूछा था कि ऐसे आवेदकों को भर्ती का जिम्मेवार कौन है। सरकार ने बताया था कि गलत तरीके से भर्ती के लिए 87 प्रिंसिपल, 19 हेडमास्टर, 24 डीडीओ समेत 130 अधिकारी जिम्मेवार हैं। हाईकोर्ट ने सरकार के इस जवाब पर 719 गेस्ट टीचर्स को निकालने एवं गलत भर्ती के जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था।
यह आदेश वर्ष 2012 में दिया गया था, लेकिन सरकार ने केवल गेस्ट टीचर्स को निकाला, जबकि गलत भर्ती के जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की थी।
इसी कारण बाद में हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता नानक चंद ने एडवोकेट जगबीर मलिक के माध्यम से याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि शिक्षा विभाग ने गलत भर्ती के जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं कर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना की है, लिहाजा उचित कार्रवाई की जाए। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया था कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की गई और कब तक की जाएगी। सरकार पिछले साल से इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगती आ रही थी और हाईकोर्ट ने एक हफ्ते में कार्रवाई संबंधी जवाब मांगा था। मंगलवार को सरकार ने उपरोक्त जवाब दाखिल किया, जिस पर सुनवाई स्थगित कर दी गई। au
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