** पीजीटी के 15 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। टीजीटी के भी हजारों पद रिक्त हैं
** सरप्लस गेस्ट टीचर्स को दुबारा रखने के लिए सरकार के हाईकोर्ट में लगाई याचिका
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने एक साल पूरा होते-होते टीचर्स के लिए एक और बड़ा फैसला किया है। कांग्रेस सरकार में नौवीं, दसवीं कक्षाओं को टीजीटी के बजाए पीजीटी टीचर्स से पढ़ाने के फैसले को बदलकर रेगुलर पीजीटी टीचर्स के आने तक टीजीटी से ही पढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला पिछले दिनों सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में हुआ। इसमें शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा भी उपस्थित थे।
इस बैठक की कार्यवाही मिली है। इसके मुताबिक यह भी फैसला किया गया है कि टीजीटी की कमी को देखते हुए हटाए गए सरप्लस गेस्ट टीचर्स को केस टू केस देखकर दोबारा रखा जाएगा। मगर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद। बता दें कि 12 सितंबर, 2012 को कांग्रेस सरकार में फैसला हुआ था कि नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं को पीजीटी पढ़ाएंगे। प्रदेश में पीजीटी के 15,000 से ज्यादा पद रिक्त हैं। टीजीटी के भी हजारों पद खाली हैं।
"हां, हमने हाईकोर्ट से सरप्लस हटाए गए गेस्ट टीचर्स को दोबारा रखने की अनुमति मांगी है क्योंकि टीजीटी टीचर्स की कमी है। अभी अनुमति नहीं मिली है।"-- राम बिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री
पत्र जारी कर दिया
"9वीं, 10वीं कक्षा को टीजीटी टीचर्स से पढ़ाने का फैसला हुआ था। इसके बाद यह पत्र जारी कर दिया है।"-- डॉ. वीरेंद्र दहिया, अतिरिक्त निदेशक, मौलिक शिक्षा
बैठक में दो फैसले
बैठक में दो फैसले किए गए। पहला यह कि फिलहाल रेगुलर पीजीटी टीचर्स के आने तक टीजीटी टीचर्स से ही 9वीं और 10वीं कक्षाएं पढ़ाई जाएं। दूसरा फैसला यह किया गया कि सरप्लस हटाए गए गेस्ट टीचर्स को केस टू केस देखकर दोबारा रख लिया जाए बशर्ते हाईकोर्ट से अनुमति मिल जाए। सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन, मुख्य सचिव डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव आरके खुल्लर भी थे। hb
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.