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Friday, 23 October 2015

डीडीओ खुद ऑनलाइन करेंगे टीडीएस डाटा अप्रूवल, सीए या अन्य को नहीं देनी होगी फीस

** नया सॉफ्टवेयर बचाएगा प्रदेश सरकार के हर साल 93 करोड़ 
रेवाड़ी : टीडीएस(टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) को रिटर्न फाइल कराने के लिए अब करोड़ों रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं। ई-टीडीएस के तहत तैयार नए सॉफ्टेवयर में यह का आसानी से होगा। 
सरकारी कर्मचारी अब हरियाणा ट्रेजरी की वेबसाइट के माध्यम से बगैर सीए या अन्य किसी व्यक्ति के अप्रूवल के ही डीडीओज खुद फाइल अप्रूव कर सकेंगे। यानी टीडीएस रिटर्न फाइल के लिए दी जाने वाली फीस सरकारी खाते में ही रहेगी। नए निर्देश सरकार की ओर से सितंबर में जारी हो चुके हैं, अब 31 अक्टूबर तक रिटर्न फाइल करना है। बता दें कि ई-टीडीएस कुछ साल पहले से ही शुरू हो चुका है, मगर उस समय योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। अब डीडीओज को बाकायदा ट्रेनिंग देने के साथ ही सख्त निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। 
31 के बाद 200 रुपए प्रतिदिन पेनल्टी : संयुक्त निदेशक 
ट्रेजरी एंड अकाउंट डिपार्टमेंट हरियाणा के डाटा मैनेजमेंट सेल के संयुक्त निदेशक ओपी बिश्नोई का कहना है कि सीए या अन्य व्यक्ति की बजाय डीडीओ खुद ऑनलाइन ही डाटा अप्रूव करेंगे, इसके लिए सरकार से 7 सितंबर को पत्र जारी कर दिया गया है। इससे सरकार के करोड़ों रुपए बचेंगे। 31 अक्टूबर तक रिटर्न फाइल भेजी जानी है। इसके बाद डीडीओज पर प्रतिदिन के हिसाब से 200 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। 
यूं समझिए सरकारी बचत को : 
डीडीओज द्वारा क्वार्टरली टैक्स रिटर्न फाइल होता है। अधिकारियों की माने तो प्रदेश में करीब 10 हजार डीडीओ हैं। जो कि रिटर्न फाइल के दौरान 400 से 1500 रुपए तक फीस देते हैं। इस लिहाज से फीस औसत 800 रुपए भी माना जाए तो क्वार्टरली 80 लाख रुपए हुए। यानी सालभर में 3 करोड़ 20 लाख रुपए दी जाने वाली फीस हो गई। जबकि अब 40 रुपए फीस के साथ यह काम महज 16 लाख रुपए में ही करने की तैयारी है। ऐसे में सीधे तौर पर सरकारी खाते में 3 करोड़ से ज्यादा रुपए बचत के रहेंगे। 
रिटर्न फाइल के लिए खर्च होंगे महज 40 रुपए 
इनकम टैक्स विभाग द्वारा हर तीन माह में (क्वार्टरली) टीडीएस के लिए रिटर्न फाइल किया जाता है। सरकारी विभागों में डीडीओज द्वारा सरकारी कर्मचारियों के वेतन से कटे टीडीएस को लेकर रिटर्न फाइल कराया जाता है। डीडीओ काे इस काम की नॉलेज नहीं होती। तो सीए या अन्य व्यक्ति के माध्यम से ये काम कराया जाता है। इसके लिए एक डीडीओ 400-1500 रुपए तक सरकारी खजाने से खर्च होते हैं, लेकिन अब सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया के तहत ई-टीडीएस भी सुविधा को लागू किया जाएगा। पहले जहां मैनुअली काम होता था। अब सरकार द्वारा एक सॉफ्टवेयर जनरेट किया गया है। इसके तहत डीडीओ अपने अंतर्गत आने वाले सरकारी कर्मचारियों के टीडीएस के लिए इस वेबसाइट पर ऑनलाइन डाटा अप्रूव कर सकेंगे।                                                                                                         db

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